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गुमला में पहली बार 1932 ईस्वी में मशाल जला कर निकाला गया था जुलूस

1964 ईस्वी से गुमला शहर में झांकी निकालने की शुरू हुई परंपरा

गुमला. श्रीराम भक्त हनुमान की जन्मस्थली गुमला में रामनवमी पर्व पर जुलूस निकालने का गौरवमयी इतिहास रहा है. कुछ लोगों ने 93 साल पहले जिस रामनवमी जुलूस की शुरुआत की थी, जो आज विशाल रूप ले लिया है. इतिहास के अनुसार गुमला शहर में 1932 ईस्वी से रामनवमी पर्व पर जुलूस निकाला जा रहा है. यानि की भारत के आजादी के पहले से गुमला में रामनवमी जुलूस निकल रहा है. रामनवमी पर्व की शुरुआत की कहानी ऐतिहासिक है. उस जमाने में गुमला छोटा कस्बा था. तलवार, लाठी, डंडा व भाला नहीं होता था. लकड़ी का गदा बना कर लोग निकलते थे. गदा से ही जुलूस में करतब दिखाया जाता था. हनुमान की जन्मस्थली होने के कारण अधिकांश लोग हनुमान की वेश में निकलते थे. बिजली नहीं थी, तो मशाल की रोशनी में जुलूस निकलता था. खेल का प्रदर्शन पेट्रोमैक्स की रोशनी में होता था व अखाड़ा सजता था. उसमें पहलवान लड़ते थे व गदा से लड़ाई होती थी. अभी जिस प्रकार कई अखाड़ा हैं. उस समय एक अखाड़ा होता था. घाटो बगीचा स्थित मंदिर में उस समय अखाड़ा लगता था और आसपास के लोग जुटते थे. शुरुआत में टोहन बाबू, मथुरा प्रसाद सिन्हा, फतेहचंद मंत्नी, छेदी केशरी, गया दत्त पांडेय, गंगा महाराज तिवारी, रघुवीर साहू (अब स्वर्गीय) ने गुमला में रामनवमी का जुलूस निकालने की परंपरा की शुरुआत की थी. वहीं दलजीत गुप्ता, मंतू राम, महावीर राम, सीटू पासवान खेल का प्रदर्शन किया करते थे. वे लोग उस समय के जाने-माने खिलाड़ी थे. इसके बाद 1964 ईस्वी से गुमला में झांकी निकालने की परंपरा की शुरुआत हुई. झांकी निकालने में भी प्रतिस्पर्धा होती थी.

गुमला में रामनवमी जुलूस का रूट

केंद्रीय महावीर मंडल समिति के सचिव सुमित चीनू साबू ने कहा है कि नवमी जुलूस गुमला शहर में भव्य तरीके से निकाला जायेगा. इस वर्ष सभी क्लब के लोग पहले टावर चौक के पास जुटेंगे. फिर वहां से जुलूस शुरू होगा, जो पालकोट रोड, स्टेट बैंक मोड़, घाटो बगीचा होते हुए सिसई रोड तालाब के पास निकलेगा. इसके बाद सिसई रोड से होते हुए टावर चौक, मेन रोड, महावीर चौक होते हुए लोहरदगा रोड में जुलूस प्रवेश करेगी. यहां से जुलूस थाना चौक से होते हुए जुलूस पुन: टावर चौक के पास पहुंच कर संपन्न होगा.

जुलूस को लेकर पुलिस की तैयारी

जुलूस को लेकर प्रशासन व गुमला पुलिस अलर्ट है. पूजा समितियों से लगातार बैठकें की जा रही हैं. संवेदनशील व अतिसंवेदनशील स्थानों पर नजर है. प्रशासन जुलूस शांतिपूर्ण तरीके से निकले. इसके लिए प्रयासरत है. गुमला जिले के विभिन्न चौक-चौराहों, महत्वपूर्ण व संवेदनशील स्थानों में क्यूआर बेस्ड बीट पेट्रोलिंग, सीसीटीवी कैमरा, ड्रोन कैमरे व निजी कैमरा से विशेष निगरानी रखने हेतु इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस के अंतर्गत जोड़ा जायेगा. इसके अलावा जुलूस व अन्य स्थानों में सादे लिबास में पुलिस की तैनाती होगी. उनका काम उपद्रव करने वाले, शांति भंग करने वालों की निगरानी करना है.

महावीरी झंडा से पटा गुमला जिला

गुमला जिले के सभी 12 प्रखंड महावीरी झंडा से पट गया है. गुमला शहर में चारों तरफ झंडा लगाये गये है. इसके अलावा गुमला में दर्जनों दुकानें सज गयी है, जहां महावीरी झंडा की बिक्री हो रही है. वहीं जिन अखाड़ों द्वारा रामनवमी पर्व की तैयारी की जा रही है. उन अखाड़ों में शाम ढलते हुए बाजा की आवाज गूंजने लगती है. इसके अलावा युवाओं द्वारा अस्त्र-शस्त्र का परिचालन का भी अभ्यास किया जा रहा है.

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Prabhat Khabar News Desk
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