गुमला. चैती दुर्गा पूजा समिति गुमला ने गुरुवार की सुबह कल्पारंभ पूजन के लिए देवी मंदिर परिसर से मनोकामना शिव मंदिर बस स्टैंड रोड पहुंचे, जहां विधि-विधान से पूजा के बाद समिति के लोग पुन: देवी मंदिर पहुंच कर मां कात्यायनी की पूजा की. आचार्य पंडित हरिशंकर मिश्रा, पंडित शैलेश मिश्रा व पंडित नीरज मिश्रा यजमान के रूप में समिति के मुख्य संरक्षक संजीव उर्वशी, विजय सोनी द्वारा कल्प आरंभ के साथ चैत्र नवरात्र का अनुष्ठान प्रातः काल में भगवान विष्णु की पूजा करायी. शास्त्रों के अनुसार विशेष कार्य के आरंभ में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है, जिसे कल्प आरंभ कहते हैं. चैत्र नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा होती है. मां कात्यायनी का जन्म कात्यायन ऋषि के घर हुआ था. इसलिए इन्हें कात्यायनी कहा जाता है. इस दिन पूजा का विशेष महत्व है, जो शक्ति साहस व विजय का प्रतीक माना जाता है. मान्यता है कि उनकी पूजा से भक्तों को शक्ति मिलती है, संकट दूर होते हैं और सुयोग्य जीवनसाथी की प्राप्ति होती है. मौके पर अध्यक्ष सुरेश मंत्री, सचिव सरजू प्रसाद साहू, संजीव उर्वशी, विजय सोनी, किशोर फोगला, मनमोहन केसरी, राजीव कुमार, सुदेश सौरभ, पवन अग्रवाल, द्वारिका मिश्रा सुमन, प्रेम सागर जायसवाल, महेश गुप्ता, नितेश लाल, रंजन सोनी, रितेश कुमार, अनूप गुप्ता, श्री गुप्ता समेत अन्य मौजूद थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

