झारखंड आंदोलनकारियों का सम्मेलन ॉ12 गुम 10 में कार्यक्रम में आंदोलनकारी प्रतिनिधि, गुमला झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा गुमला के तत्वावधान में झारखंड आंदोलनकारियों का एक दिनी सम्मेलन जशपुर रोड स्थित करौंदी बगीचा में बुधवार को हुआ. सम्मेलन में 24 मार्च को झारखंड आंदोलनकारी के राजकीय मान सम्मान, अलग पहचान, रोजी रोजगार एवं नियोजन की गारंटी व जेल जाने की बाध्यता समाप्त करते हुए सभी को समान पेंशन राशि 50-50 हजार रुपये सम्मान के साथ जीने के लिए देने की मांग को लेकर विस का घेराव किया जायेगा. इसके अतिरिक्त विस्थापितों को भू अर्जन अधिनियम के तहत पुनर्वास मुआवजा एवं नियोजन देने की मांग की जायेगी. सम्मेलन के दौरान जिला कमेटी का पुनर्गठन किया गया. जिसमें संरक्षक अल्फ्रेड आइंद, अध्यक्ष खोरस केरकेट्टा, उपाध्यक्ष सोमारी देवी, महासचिव पुनई उरांव, कोषाध्यक्ष सुजाता टोप्पो, सचिव विजय उरांव, मंजू सरोजिनी मिंज व जुवेल टोप्पो, उप सचिव भोलानाथ सिंह, आलोक लकड़ा, प्रकाश उरांव, किशोर गिद्ध, नीलू देवी, बीरू उरांव को मनोनीत किया गया. वहीं कार्यकारी सदस्य के रूप समें देवकी, कोलिस्तान टोप्पो, सोमरा उरांव, सिलबिरुयुश तिग्गा, राजेश्वर उरांव, मार्शेल लकडा, पुष्पा लकडा, सबिता देवी, रानी उरांव, सुषमा केरकेट्टा, प्रतिमा कुजूर व पोल लकड़ा को मनोनीत किया गया. मुख्य अतिथि झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष के संस्थापक एवं प्रधान सचिव पुष्कर महतो ने कहा कि गुमला वीरों व संघर्ष करने वालों की धरती है. इस क्षेत्र के लोगों ने अपने हक व अधिकार एवं पहचान के लिए अन्याय, अत्याचार, दमन के खिलाफ संघर्ष किया है. आज भी अगर हमारे बाल बच्चों के अधिकारों के ऊपर हमला होगा. हमें अपने मौलिक अधिकारों से वंचित रखा जायेगा, तो इसी गुमला की धरती से एक और उलगुलान जबरदस्त होगा. राज्य में आंदोलनकारियों के गौरव पुत्र मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन है. प्रधानमंत्री हिमांशु झारखंड में कार्यों को राजकीय मान सम्मान अलग पहचान झारखंड आंदोलनकारियों के पुत्र पुत्रियों को रोजी रोजगार, तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग में सीधी नियुक्ति, जेल जाने की बाध्यता को दूर करते हुए सभी को सम्मान पेंशन राशि 50-50 हजार रुपये, मेडिकल सुविधा नहीं देते हैं, तो 24 मार्च को विधानसभा का घेराव करेंगे. केंद्रीय कोषाध्यक्ष सरोजिनी कच्छप ने कहा कि सरकार हमारे संघर्ष से झुकेगी. अपना संघर्ष जारी रखना है. जब तक हमारे बाल बच्चों एवं आंदोलनकारियों का अधिकार नहीं मिल जाता है. दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल के सह प्रभारी अंथन लकड़ा ने कहा कि झारखंड को बेहतर राज्य बनाना एवं समृद्ध शाली राज्य बनाना हम सभी झारखंड आंदोलनकारियों एवं झारखंडियों का दायित्व है. कार्यक्रम का संचालन दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल की अध्यक्ष रोजलीन तिर्की ने किया.
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