गुमला. दान सेतु संस्था रांची के एमडी प्रशांत उन्नीकृष्णनन व उनकी धर्मपत्नी खुशबू उन्नीकृष्णनन ने बुधवार को सिलम घाटी स्थित वृद्धाश्रम व मूक बधिर स्कूल का निरीक्षण किया. इस दौरान वहां रहने वाले लोगों की समस्याओं व सुविधाओं से अवगत हुए. साथ ही वृद्धाश्रम में रहने वाले वृद्धों को जरूरत के अनुसार मदद करने का आश्वासन दिया. मूक बधिर स्कूल के बच्चों के लिए भी जरूरत की चीजें उपलब्ध कराने की बात कही. प्रशांत उन्नीकृष्णन ने कहा है कि वे रायडीह से गुमला जाने के क्रम में सिलम घाटी स्थित वृद्धाश्रम व मूक बधिर स्कूल की जानकारी मिली, तो वे यहां रहनेवाले लोगों से मिलने पहुंचे. मुझे खुशी है. पूरे झारखंड का यह पहला वृद्धाश्रम है, जहां घर परिवार से निकाले गये वृद्धों को आश्रय दिया गया है. उन्होंने कहा कि मैं वृद्धों से बात की. अधिकांश लोगों ने कहा है कि वृद्ध होने के बाद उनके ही परिवार के लोग उन्हें प्रताड़ित करते थे. इसलिए वे वृद्धाश्राम में रहने लगे. जबकि एक वृद्ध ऐसी मिली जिसके इकलौते पुत्र की मौत के बाद प्रशासन ने उस महिला को बस स्टैंड से लाकर वृद्धाश्रम में रखा है. वृद्धाश्राम में सभी सुविधाएं हैं. सरकार से मांग करेंगे कि झारखंड राज्य के सभी जिलों में एक-एक वृद्धाश्रम खुले, ताकि घर परिवार से निकाले गये वृद्धों को बेगाने की तरह जिंदगी जीना न पड़े. उन्होंने कहा कि वृद्धाश्रम में मच्छरदानी, महिलाओं के लिए साड़ी सेट व पुरुषों के लिए टीशर्ट व लुंगी की वे दो दिन के अंदर व्यवस्था करेंगे. क्योंकि यहां निरीक्षण के क्रम में वृद्धों ने मुझसे कुछ डिमांड किया है. उसे पूरा करेंगे. वहीं मूक बधिर स्कूल का भी संचालन बेहतर तरीके से चल रहा है. बच्चों के लिए भी मैं कुछ मदद जरूर करूंगा. मेरा प्रयास रहेगा कि गुमला जब भी आऊं. वृद्धों से मिलने उनके पास आता रहूंगा. मौके पर रिमांड होम के अधीक्षक अविनाश कुमार गिरी, सुमन पासवान, मूक बधिर स्कूल के एचएम, शिक्षक, वृद्धाश्रम की वार्डेन समेत अन्य मौजूद थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

