रायडीह. संत इग्नासियुस कैथोलिक चर्च मांझाटोली के खेल मैदान में आदिवासी करमा महोत्सव नृत्य प्रतियोगिता हुई. कार्यक्रम में मांझाटोली पल्ली के विभिन्न गांवों से 18 खोड़हा नृत्य दलों ने भाग लिया. सभी आदिवासी परंपरागत आदिवासी वेशभूषा में सुसज्जित नजर आये. नृत्य प्रतियोगिता में प्रथम स्थान लोयला नगर मांझा टोली, द्वितीय स्थान पर तुलमुंगा डुमरटोली व तृतीय स्थान पर टुडूरमा का खोड़हा दल ने प्राप्त किया. मुख्य अतिथि मांझाटोली के पल्ली पुरोहित फादर सामुवेल कुजूर ने कहा कि आदिवासी समाज की पहचान उनका खान-पान, रहन-सहन, वेशभूषा व संस्कृति है, जिसे हमें बचा कर रखना है और हमें हमेशा प्रकृति से जुड़े रहना है. विशिष्ट अतिथि एसआइ अजय यादव ने करमा महोत्सव की शुभकामनाएं दते हुए कहा कि आदिवासी समुदाय सरल स्वभाव के होते हैं और वे अपनी जीविका चलाने के लिए प्रकृति पर निर्भर होते हैं. जिस प्रकार प्रकृति हमें अपने भरण-पोषण के लिए अनाज व जरूरी चीजे देती हैं, तो हमें भी प्रकृति का आभार व्यक्त करना जरूरी है. साथ ही प्रकृति का संरक्षण भी जरूरी है. विजेता खोड़हा दल को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया. मौके पर सुरेंद्र मिंज, अलेक्सियुस मिंज, सिप्रियन कुल्लू, जस्टीन तिर्की, पुष्पा बाड़ा, सिस्टर अनिता, सिस्टर संगीता कुजूर, सिस्टर पुष्पा टेटे, सिस्टर एलिजाबेथ, फातिमा जसिंता किंडो, रजनी लकड़ा आदि मौजूद थे.
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