20.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

गुमला के इस पंचायत में बिजली और पानी का है घोर संकट, कई सरकारी योजनाएं चढ़ी भ्रष्टाचार की भेंट

गांव का विकास नहीं होने से इस क्षेत्र में रहने वाले सैकड़ों परिवार संकट में जी रहे हैं. गांव की वर्तमान स्थिति पर गौर करें, तो इस गांव के 60 परिवारों की जिंदगी कष्ट में गुजर रही है. गांव में न चलने लायक सड़क है और न रहने योग्य घर हैं.

गुमला, दुर्जय पासवान: चैनपुर प्रखंड की बारडीह पंचायत का कोचागानी गांव चारों ओर से घने जंगल व ऊंचे पहाड़ से घिरा है. गुमला शहर से इस गांव की दूरी करीब 85 किमी है. आजादी के सात दशक गुजरने के बाद भी गांव का विकास नहीं हुआ है. सरकार की कुछ योजना गांव में संचालित हैं, परंतु भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गयी हैं. अभी हाल-ए-सूरत यह है कि नक्सली का बहाना बना कर इस क्षेत्र का विकास रोक दिया गया है, जबकि भाकपा माओवादी का सबसे बड़ा नक्सली 15 लाख का इनामी बुद्धेश्वर उरांव वर्ष 2021 के जुलाई माह में ही मारा गया है.

इसके बाद भी प्रशासन इस क्षेत्र के विकास से मुंह मोड़े है. गांव का विकास नहीं होने से इस क्षेत्र में रहने वाले सैकड़ों परिवार संकट में जी रहे हैं. गांव की वर्तमान स्थिति पर गौर करें, तो इस गांव के 60 परिवारों की जिंदगी कष्ट में गुजर रही है. गांव में न चलने लायक सड़क है और न रहने योग्य घर हैं. गांव तक जाने के लिए लकड़ी की पुलिया बनी है. रास्ता ऐसा की अगर संभलकर नहीं चले, तो गिर कर घायल हो जायेंगे. गांव में बिजली व पानी का संकट है.

ऐसे गांव में सोलर जलमीनार व सोलर लाइट लगी है, परंतु महीनों पहले यह खराब हो गयी, जिसकी मरम्मत आज तक नहीं हुई. ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन भी गांव के विकास पर ध्यान नहीं देता है. अधिकारी गांव आये व विकास का वादा किया था, परंतु समस्या जस की तस बनी है.

नक्सली मारा गया, फिर भी विकास नहीं:

प्रशासन की नजर में यह घोर नक्सल गांव है. कोचागानी गांव का विकास नहीं हो सका है. यहां विकास करना है. प्रशासन बुद्धेश्वर उरांव के मारे जाने व पकड़ाने का इंतजार कर रहा था. जबकि बुद्धेश्वर की मौत हुए डेढ़ साल हो गये. इसके बाद भी प्रशासन गांव के विकास की पहल शुरू नहीं की गयी है. ग्रामीण कहते है कि उम्मीद है कि कोचागानी गांव के विकास की पहल प्रशासन करेगा.

सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार चरम पर:

कोचागानी गांव शहरी जिंदगी से एकदम दूर है. यहीं वजह है कि यहां जागरूकता की कमी है. इसलिए कुछ घरों में शौचालय बना, परंतु उसका उपयोग ग्रामीण नहीं करते हैं. बल्कि जंगल की सूखी लकड़ियों को शौचालय के कमरे में रखा गया है. कुछ शौचालय बिना उपयोग के ध्वस्त हो गये. गांव में मनरेगा से एक कुआं बन रहा था, परंतु बारिश के कारण वह ध्वस्त हो गया. गांव में सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार चरम पर है.

कोचागानी गांव के विकास के लिए प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया है, परंतु प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है. आज भी यह गांव जंगलों तक सिमट कर रह गया है. करीब आठ किमी सड़क खतरनाक है, जिसका निर्माण काफी जरूरी है.

प्रवीण तिर्की, ग्रामीण

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel