डुमरी. डुमरी प्रखंड में स्थित उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय ऊपर कुटलू का भवन जर्जर हो गया है. जर्जर भवन में शिक्षक बच्चों को जान जोखिम में डाल कर पढ़ाते हैं. इस विद्यालय में कक्षा एक से पांच तक की पढ़ाई होती है. यहां बच्चों की संख्या 11 हैं और दो पारा शिक्षक हैं. विद्यालय परिसर में लगे दो चापानल में एक खराब है और दूसरे का पानी पीने योग्य नहीं है. मध्याह्न भोजन बनाने के लिए दूर से पानी लाना पड़ता हैं. विद्यालय की छत से पानी का रिसाव होता है व दीवारों में दरार पड़ गयी हैं. शिक्षक छत गिरने के डर से बच्चों को बरामदे में बैठा कर पढ़ाते हैं. किचन शेड, शौचालय और भवन के अगल-बगल झाड़ी, घास-फूस भर गया है.
पानी के अभाव में बेकार पड़ा है शौचालय
स्कूल में पानी के अभाव में शौचालय बेकार पड़ा है. बरसात में किचन रूम में पानी भर जाता है, जिससे भोजन बनाने में पेरशानी होती है. बरसात में स्कूल परिसर का पानी स्कूल कमरे के अंदर घुस जाता है, जिससे बच्चे विद्यालय कच्ची रास्ते से होकर आते-जाते हैं. स्कूल की घेराबंदी नहीं है. स्कूल भवन के कमरा व बरामदा का फर्श उखड़ गया है. विद्यालय में बिजली कनेक्शन भी नहीं है.
संयोजिका ने कहा
संयोजिका चिंता देवी ने बताया कि पानी नहीं रहने से मध्याह्न भोजन बनाने में बहुत पेरशानी होती है. विद्यालय परिसर चापाकल का पानी पीने लायक नहीं है, जिससे दूर से पानी लाना पड़ता है.
शिक्षक ने कहा
सहायक शिक्षक देव कुमार शाही ने बताया कि विद्यालय में पहले बच्चों की संख्या अच्छी खासी थी. परंतु कुछ वर्षों से छात्रों की संख्या में कमी आयी है. विद्यालय भवन जर्जर हो चुका है. दीवार में दरार पड़ गयी हैं. स्कूल की समस्याओं से विभाग को अवगत कराया गया है. परंतु अभी तक स्कूल भवन की मरम्मत की पहल नहीं की गयी है.
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