डुमरी. डुमरी प्रखंड के भागीटोली गांव में पिछले 35 सालों से दुर्गा पूजा की जा रही है. गांव में पूजा की शुरुआत 1990 में हुई थी. उस समय मुखलाल साव, हरिचरण साव, श्यामलाल साव, बदरी साव, प्रेम नारायण साव व बैजू साव (सभी स्वर्गीय) ने मिल कर पूजा की शुरुआत की थी. इसके बाद से गांव में हर साल हर्षोल्लास व धूमधाम से मां दुर्गा की पूजा की जा रही है. पूजा समिति के वर्तमान सचिव गंगा प्रसाद केशरी ने बताया कि 1990 में गांव के बड़े-बुजूर्गों द्वारा शुरू की गयी परंपरा आज भी जीवित है. उन्होंने बताया कि शुरुआत में भागीटोली उपस्वास्थ्य केंद्र के सामने स्थित मंदिर के पास तिरपाल से साधारण पूजा पंडाल बना कर पूजा की जाती थी. वर्तमान में भी उसी स्थान पर पूजा पंडाल का निर्माण कर पूजा की जा रही है. पूजा में आसपास के गांवों के लोग सौहार्द्र व भाईचारे के साथ शामिल होते हैं. उन्होंने बताया कि जब पूजा की शुरूआत हुई थी. उस समय डीजे का प्रचलन नहीं था. पारंपरिक ढोल-नगाड़ों के साथ मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर पूजा की जाती थी. लेकिन अब ढोल-नगाड़ों की जगह डीजे साउंड ने ली है. उन्होंने बताया कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी हर्षोल्लास से पूजा की तैयारी की जा रही है. विजयादशमी के दिन टाटी, नटावल, कांजी व भागीटोली गांवों में प्रतिमा का भ्रमण कराने के बाद विसर्जन किया जायेगा.
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