गुमला जिला में कई स्थानों पर आदिवासी समुदाय के महिला, पुरुष व बच्चे सड़क पर उतर आये हैं. सड़क जाम कर दी है. वाहनों का परिचालन रोक दिया है. इससे छत्तीसगढ़, बिहार व उड़ीसा राज्य जाने वाले बसें गुमला में फंस गयी है. गुमला की सभी दुकानें बंद है. आदिवासी समुदाय के लोग नेतरहाट में भूमि बैंक की जमीन बड़ी कंप्नियों को निर्गत करने व हवाई अड्डा बनाने का विरोध कर रहे हैं. आदिवासी समुदाय ने कहा है कि किसी भी हाल में बाहरी कंपनियों को जल, जंगल व जमीन लेने नहीं देंगे. लोगों ने सड़क पर उतरकर जान देंगे, जमीन नहीं देंगे, एक इंच जमीन लिया तो खून का कतरा बहा देंगे के नारे लगाये. सभी लोग पारंपरिक हथियारों से लैस होकर सड़क पर उतरे हुए हैं.
पायलट प्रोजेक्ट नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज जनसंघर्ष समिति के बैनरतले तले बंद बुलाया गया था. बंद को सफल बनाने के लिए कई आदिवासी संगठनों ने इसका समर्थन भी किया. स्थानीय जागरूक मंच गुमला के संयोजक विनय भूषण टोप्पो ने कहा कि मुख्यमंत्री रघुवर दास व मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने नेतरहाट में भूमि बैंक की जमीन पूंजीपतियों के हाथों बेचने का काम किया है. इसका पायलज प्रोजेक्ट नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज जनसंघर्ष समिति विरोध कर रही है. किसी भी हाल में पूंजीपतियों को जमीन लेने नहीं दिया जायेगा