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कार्ड बनाने में गोलमाल, गरीबों का राशन खा रहे अमीर

गुमला जिले में राशन कार्ड बनाने में गोलमाल हुआ है. गरीबों की जगह कई सक्षम लोगों के नाम कार्ड बना दिया गया है. जिन गरीबों का कार्ड नहीं बना है, वे लोग हर रोज डीसी, डीएसओ, एसडीओ व बीडीओ कार्यालय का घेराव कर रहे हैं, लेकिन गरीबों की समस्या दूर नहीं हो रही है. दुर्जय […]

गुमला जिले में राशन कार्ड बनाने में गोलमाल हुआ है. गरीबों की जगह कई सक्षम लोगों के नाम कार्ड बना दिया गया है. जिन गरीबों का कार्ड नहीं बना है, वे लोग हर रोज डीसी, डीएसओ, एसडीओ व बीडीओ कार्यालय का घेराव कर रहे हैं, लेकिन गरीबों की समस्या दूर नहीं हो रही है.
दुर्जय पासवान
गुमला : गुमला जिले में राशन कार्ड बनाने में गड़बड़ी हुई है. गरीबों की जगह कई संपन्न लोगों के नाम कार्ड बना दिया गया है. नतीजा गरीब लोग राशन सामग्री से वंचित हैं. गरीबों का राशन अमीर लोग खा रहे हैं. यही वजह है कि जिन गरीब परिवार का राशन कार्ड नहीं बना है, वे हर दिन डीसी, डीएसओ, एसडीओ व बीडीओ कार्यालय पहुंच कर घेराव व हंगामा कर रहे हैं. प्रशासन भी सिर्फ आश्वासन दे रहा है. समस्या समाधान के लिए कोई रास्ता नहीं निकाला जा रहा है. प्रशासन ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि कई संपन्न लोगों का राशन कार्ड बन गया है.
इधर, राशन कार्ड की स्थिति पर गौर करें, तो गुमला जिले के 12 प्रखंड में एक लाख 99 हजार परिवार हैं. इसमें एक लाख 64 हजार लाभुक का राशन कार्ड बनाने का लक्ष्य है, जिसमें एक लाख 54 हजार राशन कार्ड बन गया है. इन कार्डों को लाभुकों के बीच बांट दिया गया है. शेष दस हजार राशन कार्ड अभी छप रहा है. अगस्त माह तक सभी दस हजार लाभुकों को राशन कार्ड बांटने की योजना है. लेकिन जिस प्रकार गरीब लाभुक राशन कार्ड की मांग कर रहे हैं, उससे पता चलता है कि 20 से 25 हजार और लाभुकों को राशन कार्ड की जरूरत है.
इस बार 60 हजार अधिक कार्ड बने
जिला आपूर्ति विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, वर्ष 2015 के सितंबर माह तक गुमला जिले के एक लाख चार हजार लाभुकों का राशन कार्ड बना हुआ था, लेकिन नये सिरे से जब आर्थिक व सामाजिक जनगणना हुई, तो वर्ष 2016 में एक लाख 64 हजार गरीबों को चिह्नित करते हुए कार्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया. इसमें एक लाख 54 हजार कार्ड बना कर बांट दिया गया है.
शेष दस हजार कार्ड और छप कर आने का इंतजार प्रशासन व लाभुक कर रहे हैं. ऐसे पूर्व व वर्तमान में बने कार्ड का आंकड़ा को देंखे, तो 60 हजार कार्ड अधिक बना है. इसके बाद भी समस्या है.
डीलरों की है मिलीभगत
डीलरों की मिलीभगत से कई गांवों में साधन संपन्न लोगों का राशन कार्ड बन गया है. कई मामले भी सामने आये हैं. ऐसे लाभुकों की शिकायत पर कई डीलरों का लाइसेंस रद्द किया गया है. कई डीलरों के मामले में जांच चल रही है.
बिशुनपुर में कुछ लोगों ने कार्ड लौटाये
जिन साधन संपन्न लोगों का राशन कार्ड बना है, उनसे प्रशासन ने कार्ड वापस करने की अपील की थी, जिससे गरीब लोगों को राशन दिया जा सके. इसमें बिशुनपुर प्रखंड में कुछ लोगों ने कार्ड वापस किया था, लेकिन दूसरे प्रखंड में कार्ड वापस नहीं किया गया, जिस कारण गरीब लाभुक राशन से वंचित हैं.
डीसी ने मांगा है स्पष्टीकरण
आये दिन राशन कार्ड को लेकर हो रहे हंगामा को देखते हुए डीसी श्रवण साय ने जिला आपूर्ति पदाधिकारी व गुमला जिले के तीनों एसडीओ से स्पष्टीकरण मांगा है. डीसी ने पूछा है कि आखिर राशन कार्ड को लेकर ऐसी समस्या क्यों है. इस संबंध में डीएसओ विजय शंकर मिश्र ने कहा कि डीसी द्वारा स्पष्टीकरण मांगा गया है. जो सच्चाई है, उससे डीसी को अवगत कराया जायेगा.
कार्ड नहीं रहने से उत्पन्न समस्या
1. गरीब लाभुकों को केरोसिन व अनाज नहीं मिल रहा है.
2. कई सरकारी कार्यों में राशन कार्ड की जरूरत पड़ती है.
3. लाभुक प्रशासन पर कार्ड नहीं बनाने का दोष मढ़ रहे हैं.
4. जिनके पास कार्ड नहीं है, वे हर दिन घेराव कर रहे हैं.
5. राशन नहीं मिलने से गरीब परिवार ज्यादा परेशान हैं.
केस स्टडी-1
रायडीह प्रखंड की कांसीर पंचायत के गरीब लोगों का राशन कार्ड नहीं बना है. लोगों ने डीसी कार्यालय का घेराव किया था. इसके बाद गरीब लाभुकों को चिह्नित करने की प्रक्रिया चलरही है.
केस स्टडी-2
गुमला प्रखंड के पंडरिया गांव के गरीब लाभुकों का कार्ड नहीं बना है. लोग रोजगार सेवक का घेराव कर चुके हैं. गुमला व रांची मार्ग भी जाम किया है, लेकिन अभी तक कार्ड नहीं बना है.
केस स्टडी-3
गुमला प्रखंड के पोढ़ा गांव में 300 परिवार है, लेकिन किसी के पास राशन कार्ड नहीं है. लोगों का आरोप है: अमीरों के नाम से कार्ड बना दिया गया है. लोगों ने कार्ड नहीं बनने पर आंदोलन की चेतावनी दी.

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