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17 साल बाद हत्यारे पिता को उम्रकैद की सजा
भरनो प्रखंड में वर्ष 1999 में हुए तिहरे हत्याकांड के आरोपी झुबा उरांव को न्यायालय ने दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनायी है़ गुमला : गुमला जिलाके भरनो प्रखंड में 24 सितंबर 1999 में हुए तिहरे हत्याकांड (मां, बेटा व बेटी) मामले में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने अपना फैसला […]
भरनो प्रखंड में वर्ष 1999 में हुए तिहरे हत्याकांड के आरोपी झुबा उरांव को न्यायालय ने दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनायी है़
गुमला : गुमला जिलाके भरनो प्रखंड में 24 सितंबर 1999 में हुए तिहरे हत्याकांड (मां, बेटा व बेटी) मामले में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने अपना फैसला सुनाया है. इसमें आरोपी झुबा उरांव को दोषी करार देते हुए उसे उम्रकैद की सजा सुनायी गयी है. उसके ऊपर अर्थदंड भी लगाया गया है. डीजे ने गवाहों के बयान व साक्ष्य के आधार पर यह फैसला सुनाया है. आरोपी झुबा ने अपनी पत्नी सोमारी उराइन, मासूम बेटा महेंद्र उरांव व बेटी तितो कुमारी की टांगी से काट कर हत्या कर दी थी़ उस समय बिरसा उरांव ने अपने बेटे झुबा उरांव के खिलाफ भरनो थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. थाने में कांड संख्या 100/1999 के तहत मामला दर्ज किया था़ इस तिहरे हत्याकांड मामले में 17 साल बाद आरोपी झुबा को सजा मिली है.
क्या है घटना
प्राथमिकी के अनुसार, 24 सितंबर 1999 की रात को झुबा उरांव अपनी पत्नी सोमारी, बेटा महेंद्र व बेटी तितो के साथ एक कमरे में सो रहा था़ इसी दौरान झुबा ने पत्नी व बच्चों की टांगी से काट कर हत्या कर दी़ हत्या करने के बाद वह टांगी को घटना स्थल पर ही छोड़ कर भाग गया़ दूसरे दिन झुबा का एक अन्य बेटा घुचा उरांव (जो अपने दादा बिरसा उरांव के साथ सोया हुआ था) वह अपनी मां, भाई व बहन को उठाने गया, तो दरवाजा बंद मिला. इसकी जानकारी उसने अपने दादा बिरसा को दी़ जब बिरसा दरवाजा खोल कर अंदर घुसा, तो देखा तीनों मृत पड़े हैं और झुबा फरार है. कुछ दिनों बाद पुलिस ने झुबा को गिरफ्तार कर जेल भेजा था.
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