चकोर गुड़ा से अच्छी आमदनी सड़क के किनारे पैदा होता है चकोरगांव के लोग बेच कर कमा रहे पैसेछत्तीसगढ़ राज्य में सबसे ज्यादा मांग3 गुम 8 में चकोर गुड़ा को सुखाती महिलाएं.प्रतिनिधि, डुमरी(गुमला)गांव देहात की सड़कों के किनारे पैदा होनेवाला चकोर आज ग्रामीण परिवेश में रहनेवाले लोगों के लिए अच्छी आमदनी का स्रोत बन गया है. शहर के लोग जिस चकोर को बेकार व झाड़ी समझ कर काट कर फेंक देते हैं. उसी चकोर का गुड़ा बना कर गांव के लोग अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करने में लगे हैं. इस चकोर गुड़ा की मांग छत्तीसगढ़ राज्य में सबसे अधिक है. इसलिए जारी, डुमरी, चैनपुर व रायडीह प्रखंड में निवास करनेवाले लोग छत्तीसगढ़ राज्य के बाजारों में जाकर चकोर गुड़ा को बेच रहे हैं. 40 से 50 रुपये प्रतिकिलो बिकता है. चकोर गुड़ा के फायदेडुमरडाड़ गांव की फिलिसिता लकड़ा चकोर गुड़ा बेचती है. उसने कहा कि यह घरेलू दवा है. इसका उपयोग गैस्टिक, सूगर रोग में होता है. लोग चकोर के दाना को सुखाने के बाद भूंजते हैं. इसके बाद उसे पीस कर चाय के साथ पीते हैं. इसका स्वाद कॉफी जैसा लगता है. सुनीता मिंज ने कहा कि चकोर गुड़ा के साथ इसका दाना भी उपयोगी है. झारखंड राज्य में इसे बेकार झाड़ी माना जाता है. लेकिन बगल राज्य छत्तीसगढ़ में इसका महत्व अधिक है. हाथों-हाथ लोग इसे खरीदते हैं. ऐसे ग्रामीण क्षेत्र के लोग चकोर गुड़ा का उपयोग चावल के साथ करते हैं.
चकोर गुड़ा से अच्छी आमदनी
चकोर गुड़ा से अच्छी आमदनी सड़क के किनारे पैदा होता है चकोरगांव के लोग बेच कर कमा रहे पैसेछत्तीसगढ़ राज्य में सबसे ज्यादा मांग3 गुम 8 में चकोर गुड़ा को सुखाती महिलाएं.प्रतिनिधि, डुमरी(गुमला)गांव देहात की सड़कों के किनारे पैदा होनेवाला चकोर आज ग्रामीण परिवेश में रहनेवाले लोगों के लिए अच्छी आमदनी का स्रोत बन गया […]
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