गुमला मंडल कारा में जेल अदालत
गुमला : जिला विधिक सेवा प्राधिकार गुमला के तत्वावधान में दो अक्तूबर को गांधी जयंती के मौके पर मंडल कारा गुमला में जेल अदालत सह जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया. मुख्य अतिथि सीजेएम राम जीयावन थे. विशिष्ट अतिथि जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव रमाकांत मिश्र थे.
मौके पर दो मामलों में तीन बंदियों क्रमश: संजय लकड़ा, मालू उरांव व बिमला टोप्पो को रिहा किया गया.
इस अवसर पर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी राम जीयावन ने कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से लोक अदालत लगायी जाती है. जहां पर छोटे–छोटे मामलों का त्वरित निष्पादन मध्यस्थता के माध्यम से किया जाता है. उन्होंने कहा कि 23 अक्तूबर को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जायेगा.
विशिष्ट अतिथि सह सचिव रमाकांत मिश्र गांधी जी के जीवनी पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए उनके द्वारा किये गये कार्यो की जानकारी बंदियों को दी. महात्मा गांधी के बदौलत ही देश को आजादी मिली. संविधान की धारा 39 (क) में कहा गया है कि प्रत्येक भारतीय नागरिक को समान जीने का अधिकार है.
इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए 1987 में राष्ट्र स्तर, राज्य स्तर व जिला स्तर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार का गठन किया गया. एसडीजेएम प्रफुल कुमार ने जानकारी दी कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए घरेलू हिंसा अधिनियम, ह्यूमन ट्रैफिकिंग एक्ट, दहेज प्रथा अधिनियम जैसे कानून बनाया गया है.
इस मौके पर जेएम मो उमर ने कहा कि हमारे समाज के विकास में अंधविश्वास व अशिक्षा बड़ी बाधक है. इसे दूर करना होगा. इसी के कारण बहुत सारी घटनाएं घटित होती है. मौके पर अधिवक्ता बुंदेश्वर गोप ने बाल श्रम अधिनियम के बारे में विस्तार से जानकारी दी. धन्यवाद ज्ञापन जेलर अखिलेश कुमार चौधरी ने किया.