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पांच साल से जंजीर में बंधी दो जिंदगी
दुजर्य पासवान गुमला : गरीबी के कारण इलाज नहीं करा पाने से दो विक्षिप्त भाई-बहनों की जिंदगी पांच साल से लोहे की जंजीर में बंधी हुई है. जिस हालात में ये लोग जी रहे हैं, किसी को भी दया नहीं आ रही है. गरीबी के कारण परिजन भी लाचार हैं. मामला घाघरा प्रखंड के बनियाडीह […]
दुजर्य पासवान
गुमला : गरीबी के कारण इलाज नहीं करा पाने से दो विक्षिप्त भाई-बहनों की जिंदगी पांच साल से लोहे की जंजीर में बंधी हुई है. जिस हालात में ये लोग जी रहे हैं, किसी को भी दया नहीं आ रही है. गरीबी के कारण परिजन भी लाचार हैं. मामला घाघरा प्रखंड के बनियाडीह गांव की है. गांव के लक्ष्मण लोहरा का बेटा सुधीर लोहरा (22) व बेटी बालमती कुमारी (20) बचपन से मानसिक रूप से विक्षिप्त हैं.
परिजन कांके में भरती करने गये थे. परंतु कांके में जब भरती नहीं लिया तो भागने के डर से दोनों को जंजीर में बांध कर रखा गया है. परंतु दोनों के रखने व खाने पीने की व्यवस्था करने में गरीब पिता को परेशानी हो रही है. इसलिए लक्ष्मण लोहरा ने चाइल्ड वेलफेयर कमेटी को आवेदन लिख कर दोनों भाई-बहन को रिनपास रांची में भरती कराने की मांग की है. जिससे वहां सही तरीके से इलाज हो सके. लक्ष्मण ने आवेदन में अपनी गरीबी का जिक्र किया है. लक्ष्मण के आवेदन के बाद सीडब्ल्यूसी की अध्यक्ष तागरेन पन्ना ने जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी को पत्र लिख कर दोनों भाई बहन के इलाज की समुचित व्यवस्था कराने की मांग की है.
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