दुर्जय पासवान, गुमला
रायडीह प्रखंड के सन्याकोना बगडाड़ गांव के अनाथ आलोक कुल्लू (एक वर्ष) के मामले में राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग नयी दिल्ली ने गुमला प्रशासन को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. साथ ही वर्तमान में आलोक की क्या स्थिति है. इस संबंध में एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट उपलब्ध कराने के लिए कहा है.
आयोग के वरिष्ठ परामर्शदाता रमन कुमार गौड़ ने गुमला प्रशासन को पत्र जारी कर कहा है कि आलोक कुल्लू के मामले में जो रिपोर्ट मांगा गया था. वह रिपोर्ट अभी तक आयोग को प्राप्त नहीं हुआ है. इस कारण आयोग ने गुमला प्रशासन की इस निष्क्रियता को गंभीरता से लिया है. आलोक के मामले में की गयी कार्यवाही से आयोग को सात दिनों के भीतर अवगत कराएं.
जांच रिपोर्ट प्राप्त नहीं होने की स्थिति में आयोग सीपीसीआर अधिनियम-2005 की धारा 14 के तहत सम्मन जारी करने को बाध्य होगी. आयोग ने अपने पत्र में कहा है कि झारखंड के गुमला जिला से हैरान करनी वाली खबर छपने के बाद उत्तर प्रदेश के वाराणसी निवासी संतोष कुमार मौर्य ने आयोग को शिकायत पत्र भेजा था.

जिसमें संतोष ने कहा था कि रायडीह के सन्याकोना बगडाड़ की रहने वाली क्लारा कुल्लू ने अपनी बहू व बेटे की मौत के बाद अपने बीमार पोते की परवरिश के लिए जमीन गिरवी रख दी. बाद में बच्चे को गुमला सदर अस्पताल लाया गया था. जहां कुपोषण केंद्र में उसका इलाज हुआ. कुपोषण केंद्र से बच्चे को बाल कल्याण समिति की पहल पर मदर तेरेसा चैरिटी ऑफ गुमला में रखा गया है.
इस मामले में आयोग ने संज्ञान लिया है. आलोक की वर्तमान स्थिति व बच्चे के सुधार हेतु उठाये गये कदम की रिपोर्ट उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है. यहां बता दें कि इस मामले को प्रभात खबर ने छापा था. इसके बाद आलोक के इलाज व उसकी बूढ़ी दादी की मदद की पहल शुरू हुई है.