दुर्जय पासवान, गुमला
तमिलनाडु के कारखाना में मरे गुमला के मजदूर अमृत उरांव के शव को गुरुवार को बिशुनपुर थाना के जमटी गांव लाया गया. शव को लाने में छह दिन लगा. तीन दिन तक शव कारखाने में पड़ा हुआ था. परिवार की अपील के बाद शव को गांव भेजा गया. तीन दिन ट्रेन से शव को लाने में लगा. अमृत की मौत कारखाना में जहर की पाइप लीक होने से हुई थी. मृतक के दोस्तों ने मिलकर शव को तमिलनाडु से रांची तक लाया.
इसके बाद परिजन रांची में गाड़ी बुक कर शव को गांव लाये. देर रात शाम को परिजन शव लेकर गांव पहुंचे. इसके बाद अंतिम संस्कार किया गया. जानकारी के अनुसार परिजन जब शव लेकर बिशुनपुर पहुंचे तो पहले इसकी जानकारी बिशुनपुर थाना की पुलिस को दी गयी. इसके बाद शव को बिशुनपुर से जमटी गांव लेकर गये. परिजनों ने बिशुनपुर पुलिस से कारखाना मालिक को गिरफ्तार करने व मुआवजा दिलाने की मांग की है.
जानकारी के अनुसार अमृत सुलोचना कॉटन स्पिनिंग प्राइवेट लिमिटेड चित्रमबोलम ग्राम पललबम कंपनी में कार्यरत था. अमृत की मौत 11 जनवरी को कंपनी में जहरीला गैस की चपेट में आने से हो गयी थी. जिसका शव कंपनी की लापरवाही के कारण गुरुवार को तीन बजे बिशुनपुर प्रखंड मुख्यालय पहुंचा. जहां कंपनी के कार्यरत लोगों ने कहा कि कंपनी में जहरीला गैस के कारण अमृत की मौत हुई है. कंपनी ने इंश्योरेंस एवं उचित मुआवजा देने की बातें कही थी. हालांकि पुलिस के समक्ष मजदूर के परिजनों ने कंपनी से उचित मुआवजा दिलाने की गुहार लगायी है.