जगरनाथ, गुमला
श्री विधि से धान की खेती कर असाधारण उत्पादन करने एवं संकुल के महिला कृषकों को वैज्ञानिक तरीके से खेती करने के लिए प्रोत्साहित करने वाली घाघरा प्रखंड अंतर्गत कोतरी गांव की महिला कृषक क्रांति देवी का चयन कृषि कर्मण पुरस्कार के लिए हुआ है. भारत सरकार कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, कृषि सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग कृषि भवन नयी दिल्ली द्वारा क्रांति का चयन कृषि कर्मण पुरस्कार के लिए किया गया है.
तीन जनवरी को बैंगलुरु में होने वाले कार्यक्रम में देश के पीएम नरेंद्र मोदी क्रांति देवी को कृषि कर्मण पुरस्कार से सम्मानित करेंगे. कृषि कर्मण पुरस्कार के लिए नामित होने के बाद क्रांति देवी न केवल अपने गांव बल्कि दूसरे गांव के कृषकों के लिए भी प्रेरणा स्त्रोत बनी हुई हैं.
ज्ञात हो कि कृषि कर्मण पुरस्कार कृषकों को कृषि के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए दिया जाता है. क्रांति देवी के पास कृषि योग्य कुल 2.30 एकड़ जमीन है. जिस पर क्रांति ने श्री विधि से धान की खेती की थी. इस विधि से धान की खेती करने पर क्रांति को धान का काफी अच्छा उत्पादन प्राप्त हुआ. क्रांति कृषि कार्य के साथ पशुपालन भी करती हैं. ये दोनों ही काम क्रांति के परिवार की जीविका का मुख्य साधन है.
क्रांति ने बताया कि खरीफ के मौसम में देशी प्रजाति के धान बीज से धान की खेती परंपरागत तरीके से करती थी. इसी प्रकार रबी के मौसम में सब्जी की खेती करती थी. जिससे उत्पादन बहुत ही कम होता था. बाद में वित्तीय वर्ष 2016-17 में गांव में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के अंतर्गत धान संकुल प्रत्यक्षण के अंतर्गत गांव की महिला कृषकों को धान की वैज्ञानिक तरीके से खेती का प्रशिक्षण दिया गया.
उन्होंने बताया कि उस समय हाईब्रीड शंकर धान बीज भी मिला और श्री विधि से खेती करने के लिए कहा गया. श्री विधि से खेती करने पर फसल में किसी प्रकार की बीमारी नहीं हुई. फसल में कीट भी नहीं लगा और फसल का उत्पादन काफी अच्छा हुआ. क्रांति ने बताया कि अब श्री विधि से खेती करने पर प्रति हेक्टेयर पर 30 हजार रुपये की अधिक आमदनी भी हो रही है.