।। दुर्जय पासवान ।।
गुमला : झारखंड विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण का मतदान 12 दिसंबर को होना है. वैसे में सुरक्षा कार्य में बड़ी संख्या में जवानों की तैनाती की गयी. लेकिन इस कड़ाके की ठंड में उनके रहने खाने की व्यवस्था ठीक ढंग से नहीं की गयी है.जहां पशुओं को बांधकर रखा जाता था, उस टूटे शेड में होमगार्ड जवानों को रहने के लिए जगह दी गयी है.
खुले आसमान को छतरी बनाकर होमगार्ड जवान रह रहे हैं. वहीं खेत को ही रसोईघर बना लिया है.खेत में ही चूल्हा जलाकर भोजन पक रहा है. पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है. वर्षों पुराने कृषि विभाग के कुएं के गंदा पानी का उपयोग जवान खाना बनाने व पीने में कर रहे हैं.शौचालय भी नहीं है. इसलिए खेत में ही शौच करने जाते हैं. यह हकीकत गुमला में होमगार्ड जवानों की है. विधानसभा चुनाव की विधि व्यवस्था बनाये रखने के लिए चुनाव ड्यूटी में होमगार्ड के जवानों को लगाया गया है.
करीब 100 होमगार्ड जवान हैं. जिन्हें रहने के लिए चंदाली स्थित पुराना कृषि कार्यालय के मैदान के टूटे हुए शेड को दिया है. ठंड काफी है. ठंड से बचने के लिए जवानों ने जमीन पर पुआल बिछाकर सो रहे हैं. लेकिन इनकी परेशानियों को देखने वाला कोई नहीं है. जवानों ने कहा कि जिस पुराने कृषि कार्यालय के मैदान में ठहरतने की व्यवस्था की गयी है.
यहां होमगार्ड जवानों के लिए सोने, खाने, पीने व शौचालय की व्यवस्था नहीं है. जिस कारण जवान रात में खुला शेड के नीचे सोने को विवश हैं. रात में पारा गिरने से जवानों को कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ रहा है. शौच लगने पर जवान खुले में शौच जाते हैं. पानी की व्यवस्था नहीं किये जाने से जवान पास के जर्जर कुंआ से गंदा पानी भरते हैं और उसी पानी का उपयोग खाना बनाने व पीने में करते हैं.जबकि खाना बनाने के लिए आस-पास से लकड़ी चुन कर ईटा का चूल्हा बना कर खाना बनाते हैं.
होमगार्ड के जवानों ने कहा कि गुमला जिला के सभी ब्लॉकों से करीब 350 होमगार्ड के जवान को चुनाव ड्यूटी में लगाया गया है. जिसमें में करीब 100 की संख्या में हम लोगों को चंदाली के समीप पुराना कृषि भवन के बाहर रखा गया है.हम सभी 23 नवंबर को चुनाव ड्यूटी में आये हैं और हमारा ड्यूटी 21 दिसंबर तक दिया गया है.
इस बीच सिर्फ चुनाव के दिन टेंट का व्यवस्था किया गया था. उसके बाद टेंट को हटा दिया गया है. ऐसे में हमलोगों कड़ाके की ठंड में यहां कैसे रहेंगे. प्रशासन द्वारा हम लोगों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है.चुनाव ड्यूटी में हम लोगों को एड़वांस पैसा नहीं दिया गया है. जिस कारण हम लोग चुनाव ड्यूटी में अपने घर का धान बेच कर आये हैं. उसी पैसा को खर्च कर हम यहां रह रहे हैं.