रांची/गुमला : गुमला के सिसई विधानसभा क्षेत्र के बघनी गांव स्थित बूथ संख्या 36 पर ग्रामीणों और पुलिस के बीच हुई झड़प के दौरान जिलानी अंसारी की मौत हो गयी थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि उसकी मौत पुलिस की गोली से नहीं, बल्कि चाकू (तेजधार हथियार) लगने से हुई. यह जानकारी रविवार शाम पुलिस मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में एडीजी अभियान सह पुलिस मुख्यालय के प्रवक्ता मुरारी लाल मीणा ने दी. उन्होंने बताया कि मृतक का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराया गया है.
पोस्टमार्टम में यह बात सामने आयी है कि उसकी मौत चाकू लगने हुई है. पोस्टमार्टम में कहीं भी फायर आर्म इंज्यूरी की बात सामने नहीं आयी है. एडीजी के अनुसार पुलिस की गोली लगने से सिर्फ अशफाक अंसारी घायल हुआ है. वह पुलिस से हथियार छीनकर भागने का प्रयास कर रहा था. इसलिए पुलिस ने उसके पैर में फायरिंग की थी. इसके अलावा पुलिस की गोली से किसी अन्य के घायल होने की सूचना नहीं है.
पुलिस के सामने भी गोली लगने से घायल कोई उपस्थित नहीं हुआ है. पुलिस की ओर से फायरिंग और पुलिस पर जानलेवा हमला को लेकर दो अलग-अलग केस दर्ज किये गये हैं. एक केस मृतक की पत्नी के बयान पर आरपीएफ के अज्ञात जवानों के खिलाफ दर्ज किया गया है.
वहीं, दूसरा केस ग्रामीणों के खिलाफ पुलिस की शिकायत पर दर्ज किया गया है. दोनों केस का अनुसंधान पुलिस कर रही है. केस के अनुसंधान के दौरान ही यह स्पष्ट होगा कि जिलानी अंसारी को कैसे चाकू लगी. बूथ पर चाकू लेकर कौन आया था.
कतार में खड़े होने को लेकर शुरू हुआ था विवाद
बूथ संख्या 36 पर शनिवार सुबह शांतिपूर्ण मतदान शुरू हुआ था. सुबह 9:15 बजे वोटरों को कतार में खड़ा करने को लेकर विवाद हुआ था. इसके बाद पुलिस और ग्रामीणों के बीच झड़प हो गयी थी, जिसमें पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी.