दुर्जय पासवान, गुमला
गुमला जिला अंतर्गत सिसई प्रखंड के मकुंदा गांव की 15 माह की बच्ची नेहा कुमारी की स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण मौत हो गयी. घटना शुक्रवार की सुबह की है. नेहा को 15 माह में पड़ने वाला सूई उसके परिजनों ने गांव के ही सरकारी अस्पताल में बुधवार को दिलवाया था. नर्स ने सूई दी थी. सूई पड़ने के बाद बच्ची बीमार हो गयी और शुक्रवार को गांव से गुमला अस्पताल लाने के क्रम में मौत हो गयी.
जानकारी के अनुसार चार दिसंबर को बच्ची के पिता दुर्गा साहू व पत्नी किरण देवी ने अपनी बेटी नेहा को गांव के ही मकुंदा अस्पताल में ले जाकर टीका लगवाया था. जिसके बाद शाम को बच्ची को बुखार होने लगा. इसके बाद गुरुवार को परिजनों ने बच्ची को रेफरल अस्पताल सिसई लाकर चिकित्सक से मुलाकात की.
चिकित्सक ने कहा कि खसरा का इंजेक्शन का दर्द होने से बुखार हो गया है. एक दो दिन में बच्ची स्वस्थ हो जायेगी. जिसके बाद परिजन उसे घर लेकर लौट गये. लेकिन गुरुवार की रात में बच्ची की तबियत पुन: बिगड़ती गयी, तो परिजनों ने शुक्रवार की सुबह उसे सदर अस्पताल गुमला ले जा रहे थे. लेकिन गुमला जाने के क्रम में रास्ते में बच्ची की मौत हो गयी.
बच्ची के पिता दुर्गा साहू ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण मेरी बच्ची की मौत हुई है. नर्स द्वारा टीकाकरण किया गया था. जिसमें लापरवाही बरती गयी है. मेरी बेटी स्वस्थ थी. परंतु सही से इलाज नहीं होने के कारण उसकी मौत हो गयी. मैं अपनी बच्ची को बुखार होने पर रेफरल अस्पताल सिसई भी ले गया था. लेकिन वहां भी चिकित्सकों ने मेरी बच्ची को नहीं देखा. टाल मटोल जवाब देकर घर भेज दिया. जिसके कारण मेरी बच्ची की मौत हो गयी.
इस संबंध में सीएस डॉ. विजया भेंगरा ने कहा कि मामले की जानकारी मिली है. मैं अपने स्तर से इसकी जांच करती हूं. जांच में दोषी पाये जाने पर उन लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी. सिसई के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ नमिता लकड़ा ने कहा कि बच्ची का टीकाकरण हुआ है. टीकाकरण में बच्चे की मौत नहीं होती है. बच्ची को कोई और समस्या रही होगी. तभी उसकी मौत हुई है. स्वास्थ्य विभाग की कोई लापरवाही नहीं है.