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Thursday, March 28, 2024

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गुमला : अलग-अलग हादसे में तीन लोगों की मौत, एक शव को परिजन बिना पोस्टमार्टम कराये लेकर भागे

दुर्जय पासवान, गुमला गुमला जिले में तीन अलग-अलग स्थानों पर हुए हादसे में तीन लोगों की मौत हो गयी. मृतकों में मैकलुस्‍कीगंज रांची निवासी अनूप कुजूर (25), बसिया पोक्टा गांव निवासी तीजा उरांव (60) व रायडीह थाना क्षेत्र के सरनाटोली निवासी मुन्नी देवी (42) के नाम शामिल हैं. पहली घटना में मैकलुस्‍कीगंज रांची निवासी को […]

दुर्जय पासवान, गुमला

गुमला जिले में तीन अलग-अलग स्थानों पर हुए हादसे में तीन लोगों की मौत हो गयी. मृतकों में मैकलुस्‍कीगंज रांची निवासी अनूप कुजूर (25), बसिया पोक्टा गांव निवासी तीजा उरांव (60) व रायडीह थाना क्षेत्र के सरनाटोली निवासी मुन्नी देवी (42) के नाम शामिल हैं. पहली घटना में मैकलुस्‍कीगंज रांची निवासी को गुमला पुलिस ने शहर में गश्ती के दौरान सड़क पर गिरा पाया. जिसे उठाकर सदर अस्पताल लाया गया. जहां चिकित्सकों ने घायल को मृत घोषित कर दिया.

परिजनों ने बताया कि वह अपने रिश्तेदार के घर रांची से गुमला आया था. उसे मिरगी की बीमारी थी. जब वह अकेला घूमने के लिए निकला था, उसे अचानक मिरगी का दौरा पड़ गया. जिससे वह पीछे सिर के बल गिर गया. जिससे उसके पीछे सिर में चोट लगने से मौत हो गयी.

वहीं, दूसरी घटना बसिया थाना क्षेत्र के पोक्टा गांव में हुई. मृतक का बेटा भूषण उरांव ने बताया कि मृतक तीजा उरांव (60) रविवार को अपने घर के समीप पैदल मुर्गा खरीदने घर के समीप स्थित मुर्गा दुकान गया था. मुर्गा दुकान से मुर्गा खरीद कर लौटने के क्रम में बोंगालोया के चौकीदार तुरू झोरा की टीवीएस लूना बाइक से पीछे से धक्का मारने से घायल हो गया. उसका प्राथमिक इलाज रेफरल अस्पताल बसिया में होने के बाद चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल भेज दिया. जहां इलाज के क्रम में मौत हो गयी.

जबकि तीसरी घटना रायडीह थाना क्षेत्र में हुई. जिसमें संतटोली निवासी मुन्नी देवी अज्ञात वाहन की चपेट में आने से घायल हो गयी. उनका प्राथमिक इलाज सीएचसी रायडीह में होने के बाद चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल गुमला भेज दिया. जहां इलाज के क्रम में उसकी मौत हो गयी. परिजन उसके शव को लेकर बिना पोस्टमार्टम कराये अपने घर ले गये.

चिकित्सक द्वारा सोमवार की सुबह पुलिस इंफोरमेशन रिपोर्ट भेजने पर एएसआइ प्रमोद कुमार सदर अस्पताल पहुंचे. जहां उन्होंने शव की काफी खोजबीन की. लेकिन शव अस्पताल में नहीं मिला. एएसआइ ने कहा कि चिकित्सक द्वारा पुलिस को इंफोरमेशन रिपोर्ट भेज दिया जाता है. लेकिन अस्पताल प्रबंधन पुलिस को सूचना देने पर भी शव की जवाबदेही नहीं लेता है. जिसके कारण परिजन अपने मर्जी से शव को ले जाते हैं.

पुलिस को बेवजह परेशान किया जाता है. अस्पताल प्रबंधन अपनी जिम्मेवारी निभाने में असक्षम है. इस संबंध में डीएस डॉ. आरएन यादव से पूछने पर कहा कि मैं छुट्टी पर हूं. आप प्रभारी डीएस डॉ. पीसीके भगत से बात कीजिए. उनके फोन पर संपर्क करने पर उन्होंने फोन नहीं उठाया.

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