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गुमला : बिचड़ा मरने से आहत किसान ने की आत्महत्या

।। दुर्जय पासवान ।। गुमला : गुमला प्रखंड के ढिढौली पोखराटोली गांव में बिचड़ा मरने से आहत किसान शिवा खड़िया (55 वर्ष) ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.सोमवार की देर रात को अपने धोती को फंदा बनाकर घर की छत पर लटक गया. सुबह को परिजन जब पशुओं के लिए पुवाल निकालने […]

।। दुर्जय पासवान ।।

गुमला : गुमला प्रखंड के ढिढौली पोखराटोली गांव में बिचड़ा मरने से आहत किसान शिवा खड़िया (55 वर्ष) ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.सोमवार की देर रात को अपने धोती को फंदा बनाकर घर की छत पर लटक गया. सुबह को परिजन जब पशुओं के लिए पुवाल निकालने कमरे में घुसे तो शिवा को फांसी पर लटका पाया. पुलिस को मंगलवार की सुबह घटना के बारे में बताया गया. सूचना मिलने के बाद पुलिस गांव पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया. पुलिस ने किसान की आत्महत्या पर यूडी केस दर्ज किया है.

* बेटी की शादी की भी थी चिंता

मृतक के बेटे करमा खड़िया ने बताया कि गुमला के पूर्वी क्षेत्र में बारिश नहीं होने के कारण 10 दिन पहले बिचड़ा मर गया. बिचड़ा मरने के बाद से शिवा परेशान था. वह घर में रखा धान हर रोज बेचकर शराब पीने लगा. वह पांच दिन से बोल रहा था कि बिचड़ा मर गया. अब कैसे जीयेंगे.घर में रखा सारा बीज बिचड़ा तैयार करने में लगा दिया था. परंतु बारिश नहीं होने के कारण 80 प्रतिशत बिचड़ा बरबाद हो गया.

बड़ी बेटी की भी शादी करनी है. घर कैसे चलेगा. इसी चिंता में वह पांच दिन से घर के किसी भी सदस्य से बात भी नहीं करता था. हर रोज शराब पीकर इधर-उधर घूमते रहता था.शाम को घर आकर खाना खाकर चुपचाप अपने कमरे में सो जाता था. सोमवार की रात को भी शिवा खाना खाने के बाद अपने कमरे में सोने चला गया. परिवार के सदस्यों को दूसरे दिन सुबह उसके आत्महत्या की जानकारी मिली.

* पिता ने जमीन बंधक रखा था, बेटों ने कराया मुक्त

परिजनों ने बताया कि 52 एकड़ खेत है. लेकिन इसमें कई हिस्सेदार हैं. इसी 52 एकड़ खेत के कुछ हिस्से में शिवा खेती करता था. जिससे परिवार की जीविका चलती थी. बड़े बेटे बिरसा खड़िया की शादी के लिए शिवा ने 25 हजार रुपये में खेत के कुछ हिस्से को बंधक रखा था. बेटों ने एक-एक पैसा जमा कर कुछ माह पहले ही बंधक खेत को मुक्त कराया. उसी खेत पर शिवा ने बिचड़ा लगाया था, लेकिन बारिश नहीं होने के कारण बिचड़ा बेकार हो गया.

* क्‍या कहना है ग्रामीण का

गांव के विजय खड़िया ने बताया, शिवा खड़िया अक्सर परेशानी झेलता रहा है. बंधक से खेत मुक्त होने के बाद वह खुश था. वह इस वर्ष खेती कर पैसा जमा कर बड़ी बेटी की शादी करने का मन बनाया था. लेकिन बिचड़ा मरने के बाद से वह परेशान थे. इसी परेशानी में वह आत्महत्या कर लिया.

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