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एफसीसी की स्थापना भारत में सबसे पहले केरल में वर्ष 1888 में हुआ था, गरीबों की सेवा करना ही हमारा उद्देश्य

गुमला : एफसीसी (फ्रांसिस्कन क्लारिस्ट धर्मसभा) जिले के गरीबों और असहायों की सेवा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. ऐसे तो एफसीसी की स्थापना भारत में सबसे पहले केरल में वर्ष 1888 में हुआ था. बाद में धीरे-धीरे एफसीसी ने अपनी शाखा का विस्तार किया और देश के कई राज्यों के जिलों में शाखा खोला. […]

गुमला : एफसीसी (फ्रांसिस्कन क्लारिस्ट धर्मसभा) जिले के गरीबों और असहायों की सेवा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. ऐसे तो एफसीसी की स्थापना भारत में सबसे पहले केरल में वर्ष 1888 में हुआ था. बाद में धीरे-धीरे एफसीसी ने अपनी शाखा का विस्तार किया और देश के कई राज्यों के जिलों में शाखा खोला. वर्ष 2012 में गुमला के रश्मिनगर और रायडीह प्रखंड के कपोडीह में एक-एक शाखा खोला गया है. एफसीसी गुमला की प्रोवेंसियल सिस्टर आइनी विलसी ने बताया कि संस्था का मूल उद्देश्य गरीबों और असहायों की सेवा करना है. गरीबों और असहायों की सेवा के लिए हमारी संस्था अपना विस्तार कर रही है.

सिस्टर आइनी ने बताया कि वे लोग क्षेत्र का भ्रमण करते हैं. लोगों से मुलाकात करते हैं और जितना बन पड़ा सहयोग करते हैं. किसी-किसी को काउंसिलिंग की जरूरत पड़ती है, तो उसकी काउंसिलिंग भी की जाती है. रायडीह के कपोडीह में संस्था द्वारा एक दवा दुकान भी चलायी जाती है, जहां मरीजों को कम कीमत पर दवा उपलब्ध करायी जाती है. सिस्टर आइनी ने बताया कि पूरे विश्व में संस्था से लगभग सात हजार धर्मबहनें जुड़ी हुई हैं.

पांच धर्मबहनें ग्रहण करेंगी प्रथम मन्नत

एफसीसी की पांच धर्म बहनें प्रथम मन्नत ग्रहण करेंगी. प्रथम मन्नत ग्रहण करने वालों में सिस्टर अलमा जीस, सिस्टर सुमन मारिया, सिस्टर मेलानी श्रद्धा, सिस्टर रोज मारिया और सिस्टर अगेंस मारिया शामिल हैं. प्रथम मन्नत ग्रहण करने के बाद इन पांचों धर्मबहनों को अलग-अलग क्षेत्रों में सेवा देने के लिए भेजा जायेगा.

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