बोआरीजोर प्रखंड के मेघी पंचायत भवन के पास ग्रामीणों ने करम पर्व धूमधाम से मनाया. इस अवसर पर आदिवासी रीति-रिवाजों के अनुसार पूजा-अर्चना की गयी और सखुआ वृक्ष की पूजा भी की गयी. मुखिया मनोज मरांडी ने बताया कि आदिवासी समुदाय के लिए करम पर्व अत्यंत महत्वपूर्ण है. आदिवासी प्रकृति की पूजा करते हैं और इस पर्व के माध्यम से लोगों को प्रकृति के महत्व के बारे में जानकारी दी जाती है. यह पर्व नये फसल के आगमन की खुशी में भी मनाया जाता है. मुखिया ने कहा कि पर्व के दौरान ग्रामीण एकत्रित होकर उत्सव मनाते हैं और इस अवसर पर करम नृत्य का आयोजन भी किया गया. नृत्य प्रतियोगिता में बड़ा श्रीपुर की टीम को प्रथम पुरस्कार के रूप में 15 हजार रुपये, मोहला की टीम को द्वितीय पुरस्कार के रूप में 10 हजार रुपये और किताझोर मंडरो की टीम को तृतीय पुरस्कार के रूप में 5 हजार रुपये देकर सम्मानित किया गया. मुखिया मनोज मरांडी ने सभी को पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि करम नृत्य में आदिवासी संस्कृति की झलक स्पष्ट रूप से दिखायी देती है. उन्होंने यह भी कहा कि आदिवासी समुदाय के लोगों को अपनी धर्म और संस्कृति को नहीं भूलना चाहिए, क्योंकि आदिवासियों की पहचान उनकी संस्कृति से होती है.
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