12 वर्षों के बाद पानी टंकी के सौदर्यीकरण व मरम्मति के नाम पर 2.80 करोड़ रुपये विभाग ने खर्च किये, लेकिन आज तक लोगों को एक बूंद पानी नहीं मिल पाया है. इसका मुख्य कारण है कि अधिकारी इसमें सक्रियता नहीं दिखा रहे हैं. बता दें कि टंकी का शिलान्यास दो फरवरी 2010 को व उद्घाटन वर्ष 2012 में तत्कालीन विधायक विनोद कुमार सिंह ने किया था. उद्घाटन के बाद एक सप्ताह तक लोगों को पानी उपलब्ध कराया गया था. एक सप्ताह के बाद कई तरह की समस्या बताकर पानी की आपूर्ति बंद कर दी गयी.
सड़क चौड़ीकरण के दौरान पाइपलाइन हुई क्षतिग्रस्त
इसके बाद सरिया-राजधनवार सड़क की चौड़ीकरण के दौरान सड़क किनारे पानी की आपूर्ति को लेकर बिछायी गयी पाइपलाइन एजेंसी ने क्षतिग्रस्त कर दिया. पाइपलाइन को सुरक्षित रखने की पहल ना तो विभागीय अधिकारियों और ना ही जनप्रतिनिधियों ने की. बाद में तत्कालीन विधायक विनोद सिंह ने मामले को गंभीरता से लेते हुए 2.80 करोड़ की लागत से इस चालू कराने का प्रयास किया गया. राशि खर्च भी हो गयी. इधर, लोगों से पानी के कनेक्शन के नाम पर 310 रुपये भी किया, लेकिन घरों व दुकानों के बाहर नल लगाकर छोड़ दिया गया. इसका नतीजा है कि 11 गांव नवादा, बरहमसिया, जुरपा, गोंगरा, कुबरीटांड़, सिमराढाब, पलौंजिया, जीतकुंडी, बिरनी व बनपुरा के ग्रामीणों को 13 वर्षों से पानी के लिए तरस रहे हैं.क्या कहते हैं लोग
होटल संचालक मनोज साव, दिलीप राय, उमेश साव, देवशरण साव, मनोज मोदी, पंकज हिंदुस्तानी समेत अन्य ने बताया कि पानी टंकी बनने के बाद लोगों को लगा था कि हर घर को पानी मिलेगा. पानी की समस्या से अब उन्हें जूझना नहीं पड़ेगा. लेकिन, 11 वर्षों में से पानी नहीं मिला. पुनः लोगों के घरों तक पानी पहुंचाने के लिए एक वर्ष पूर्व 2.80 करोड़ रुपये खर्च किये गये, लेकिन यह भी बेकार हो गया. अधिकारी तरह-तरह की खामियां बताकर चुप्पी साधे हुए हैं. वहीं लोग पानी की समस्या से परेशान हैं.कनीय अभियंता ने कहा
विभाग के कनीय अभियंता दानिश इबरार ने कहा कि अभी वे पूरी तरह से चार्ज नहीं लिये हैं, इसलिए उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. अभी वे धनबाद में प्रभार दे रहे हैं. आने के बाद जांच कर ही कुछ बता सकेंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

