30 रुपये प्रतिकिलों के भाव से खरीदकर कटिहार और बंगाल भेजते हैं थोक व्यापारी
सरिया प्रखंड क्षेत्र में इस बार मुनगा (सहजन) की खेती काफी अच्छी हुई है. खुदरा या थोक भाव में बेचकर किसान अच्छा अर्थोपार्जन कर रहे हैं. इन दिनों स्टेशन रोड सरिया स्थित सब्जी मंडी में सुबह से दोपहर तक विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों से लोग इसकी बिक्री करने आते हैं. स्थानीय व्यापारी थोक भाव में खरीद कर बिहार के कटिहार और पश्चिम बंगाल भेजते हैं. सरिया के सब्जी व्यवसायी विनोद मोदी, पप्पू मोदी, रामचंद्र मंडल, राजू मंडल, अजीत मोदी, सूरज मंडल, मुरलीधर मोदी आदि ने बताया कि जनवरी में इसकी ऊंची कीमत होती है. लगभग 80 रुपए प्रति किलोग्राम इसकी खरीद बिक्री होती है. वर्तमान में 30 रुपये प्रति किलोग्राम खरीद कर उसे पश्चिम बंगाल और कटिहार के व्यापारियों के हाथों बेचते हैं. बताया कि सरिया, बिरनी, बगोदर, चौबे, मरकच्चो आदि प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न गांवों से किसान सरिया बाजार लाते हैं.15-20 टन सहजन रोज बेच रहे व्यापारी
वर्तमान में सरिया सब्जी मंडी से प्रतिदिन कई व्यापारी 15 से 20 टन सहजन पश्चिम बंगाल, बिहार सहित अन्य प्रदेशों को भेज रहे हैं. यह व्यवसाय अधिकतम 15 अप्रैल तक चलेगा. मौसमी फसल होने के कारण इसकी बिक्री अधिक होती है जिसका व्यापार कर लोग अपनी दाल रोटी चलते हैं. जनवरी से अप्रैल तक सहजन बिक्री जोरों पर होती है. आवागमन का पर्याप्त साधन नहीं रहने के कारण लोग पहले रेलगाड़ी के माध्यम से पार्सल द्वारा इसे कोलकाता भेजते थे. बदलते समय के दौर में सड़क मार्ग में यातायात सुगम होने के कारण विभिन्न माल वाहक वाहनों से इसका व्यापार किया जाता है. व्यापारियों की माने तो इसमें समय की बचत के साथ-साथ ताजा फसल भी उपभोक्ताओं को मिल जाता है.सहजन खाने से रक्तचाप कम और पाचन तंत्र होता है मजबूत : चिकित्सक
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सरिया में कार्यरत चिकित्सक ललन कुमार ने मुनगा से होने वाले लाभ के बारे में बताते हुए कहा कि यह औषधीय पौधा हृदय और शुगर के रोगियों के लिए काफी फायदेमंद होता है. इसकी पत्तियां, फूल व फल औषधीय गुणों से भरे हुए हैं. इसका सेवन करने से रक्तचाप कम होता है, पाचन तंत्र मजबूत होता है. बताया कि यह लीवर के लिए भी काफी फायदेमंद है. इसके अलावा सहजन से हड्डियां मजबूत होती हैं, शारीरिक कमजोरी दूर होती है, शरीर में इम्युनिटी पावर बढ़ता है. इसके अलावे भी कई रोगों के लिए यह अचूक दवा है. इसी का नतीजा है कि लोग इसका सेवन सालों भर करते रहते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

