जिले के प्रखंडों में पेयजल व स्वच्छता प्रमंडल वन व टू ने 2364 जल सहिया कार्यकर्ता जल जांच किट के उपयोग तथा वाटर क्वालिटी मॉनीटरिंग सिस्टम पर ऑनलाइन प्रविष्टि से संबंधित प्रशिक्षण दिया जा रहा है. जल सहियाओं को बताया जा रहा है कि पेयजल स्रोतों की गुणवत्ता की समय-समय पर जांच करना उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी है. उन्हें जल की पीएच माप, पानी की स्थिति का परीक्षण तथा प्राप्त परिणामों को झार-जल मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से वाटर क्वालिटी मॉनीटरिंग पोर्टल पर नियमित रूप से अद्यतन करना अनिवार्य है. प्रत्येक जल सहिया को महीने में कम से कम एक बार जांच कर ऑनलाइन प्रविष्टि सुनिश्चित करनी होगी.
विस्तृत माइक्रोप्लान तैयार किया गया
डीडब्ल्यूएसडी वन के के कार्यपालक अभियंता राहुल श्रीवास्तव ने बताया कि उनके प्रमंडल के अंतर्गत 1108 जल सहियाओं के लिए विस्तृत माइक्रोप्लान तैयार किया गया है. इसके अंतर्गत योजनाबद्ध तरीके से पंचायत-स्तर पर प्रशिक्षण सत्र आयोजित किये जा रहे हैं, जिनमें जल जांच प्रक्रिया, किट का प्रयोग, डाटा एंट्री की विधि तथा जल सहियाओं की जवाबदेही पर विशेष बल दिया जा रहा है. वहीं, प्रमंडल टू के कार्यपालक अभियंता अवीक अंबाला ने बताया कि 1257 जल सहियाओं को प्रखंड स्तर पर जल गुणवत्ता परीक्षण प्रशिक्षण दिया जा रहा है. विश्व शौचालय दिवस अभियान के तहत सामुदायिक व व्यक्तिगत शौचालयों की कार्यशीलता और सौंदर्यीकरण सुनिश्चित करने हेतु जल सहियाओं, जनप्रतिनिधियों एवं समुदाय को लगातार निर्देश दिये जा रहे हैं. अभियंताओं ने बताया कि जिले में जल गुणवत्ता सुधार, शौचालयों के रख रखाव, ग्राम स्तर पर स्वच्छता संदेशों के प्रसार तथा सामुदायिक सहभागिता को बढ़ावा देने के लिए विभागीय टीम लगातार कार्यरत है. प्रशिक्षण में जिला समन्वयक रितेश कुमार, बीरेंद्र मंडल, यूनिसेफ प्रतिनिधि शशांक शेखर, तथा प्रखंड समन्वयक स्वच्छ भारत मिशन की महत्वपूर्ण सहभागिता सुनिश्चित की गयी है.
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