नगर निगम के वार्ड नंबर 13 में पहुंची प्रभात खबर आपके द्वार की टोली, लोगों ने सुनायी अपनी परेशानी
नगर निगम क्षेत्र के वार्ड संख्या 13 में समस्याओं का अंबार है. गुरुवार को वार्ड नंबर 13 में प्रभात खबर संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग शामिल हुए. सभी ने खुलकर अपनी समस्याएं रखीं और वार्ड में बुनियादी सुविधाओं की घोर कमी को लेकर नाराजगी जाहिर की. लोगों ने बताया कि करीब 10 हजार की आबादी वाला यह वार्ड आज भी पानी और बिजली जैसी मूलभूत समस्याओं से जूझ रहा है. नल जल योजना का लाभ नहीं मिला है. शहरी जलापूर्ति पाईप नहीं बिछाया गया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि इस क्षेत्र को वार्ड घोषित हुए पांच साल से भी अधिक समय हो गया है, लेकिन विकास के नाम पर कोई ठोस कार्य नहीं हुआ है. जन संवाद कार्यक्रम में सबसे गंभीर मुद्दा पानी की समस्या रही. लोगों ने बताया कि गर्मी के दिनों में पानी का संकट और गहरा जाता है. पूरे वार्ड में आज तक एक भी पानी की टंकी नहीं बनाई गई है. लोग अब भी चापाकल और उसरी नदी पर निर्भर हैं, लेकिन जैसे ही गर्मी आती है उसका भी जलस्तर नीचे चला जाता है. इस वजह से चापाकल से पानी निकलना बंद हो जाता है. लोगों को मजबूरन आधा से एक किलोमीटर तक की दूरी तय करके पानी लाना पड़ता है, या फिर पैसे देकर पानी खरीदना पड़ता है. लोगों ने कहा कि इस वार्ड में स्कूल है. लेकिन पढ़ने वाले बच्चों की संख्या अधिक है. सरकारी स्कूलों में क्लास रूम सीमित होने की वजह से करीब 100 से 150 बच्चों को एक ही रूम में बैठाकर पढ़ाया जाता है, जिस वजह से उनकी पढ़ाई भी अच्छे ढंग से नहीं हो पाती है. सड़क और नाली निर्माण अब तक अधूरावार्ड के निवासियों ने सड़क और नाली जैसी मूलभूत सुविधाओं की कमी पर गंभीर चिंता जताया. स्थानीय लोगों ने बताया कि इस वार्ड के अंतर्गत आने वाले मैग्जीनिया, पांडेडीह, मरीकटोला, कोयरीटोला, जगदीश नगर, न्यू पांडेडीह, चेलीटांड हरिजन टोला, जंगलपुरा, शीतलपुर चौक, कहरटोली अंश और बेलदार टोला में आज तक पक्की सड़कों का निर्माण नहीं हो सका है. इन मोहल्लों की गलियां आज भी कच्ची हैं, जिससे लोगों को प्रतिदिन आवागमन में परेशानी झेलनी पड़ती है. बरसात के दिनों में स्थिति और भी विकट हो जाती है. बारिश के कारण कच्चे रास्ते कीचड़ में तब्दील हो जाते हैं, जिससे न केवल आवागमन बाधित होती है, बल्कि स्कूली बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं को भी घर से बाहर निकलने में कठिनाई होती है. बताया कि पूरे वार्ड में अब तक एक भी नाली का निर्माण नहीं किया गया है. इससे जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है और बारिश का पानी गलियों और सड़कों पर बहने लगता है. यह पानी अक्सर घरों के सामने जमा हो जाता है, जिससे दुर्गंध और गंदगी फैल जाती है. परिणामस्वरूप मच्छरों की संख्या बढ़ जाती है, जिससे डेंगू, मलेरिया और अन्य संक्रामक रोगों का खतरा हमेशा बना रहता है.बॉक्सक्या कहते हैं वार्ड के लोग22 गिरिडीह – 59 (30). नरेश सिंह, 60 (31) . सिकंदर कुमार, 61 (32) . संतोष मरांडी, 62 (33) . शकुंतला देवी, 63 (34) . राजेंद्र तांती, 64 (35) . प्रकाश दासवार्ड में पानी की कमी मुख्य समस्या है. पूरे वार्ड में एक भी पानी की टंकी का निर्माण नहीं करवाया गया है. इस कारण हमलोगों को चापानल या नदी का सहारा लेना पड़ता है. कभी कभी तो चापानल भी खराब हो जाता है. इस वजह से काफी कठिनियों का सामना करना पड़ता है. नगर निगम को इस पर ध्यान देने की जरूरत है.
नरेश सिंह, मैगजिनयावार्ड में कुछ ही गिने चुने सरकारी स्कूल हैं. लेकिन पढ़ाई करने वाले बच्चों की संख्या ज्यादा है. स्कूल में सीमित क्लास रूम होने के कारण एक-एक क्लास में अधिक बच्चों को बैठकर पढ़ाई करना पड़ता है. क्षेत्र में अगर हाई स्कूल बन जाता तो इस इलाके के बच्चों को दूर जाकर पढ़ाई करने की आवश्यकता नहीं पड़ती.
सिकंदर कुमार, मैगजिनयावार्ड में एक भी नाली का निर्माण नहीं करवाया गया है. जिसके कारण मजबूरी में घरों का पानी सड़कों पर बहाना पड़ता है. इसके अलावा नाली नहीं रहने के कारण बरसात के दिनों में सड़कों पर जल जमाव हो जाता है. इस वजह से आवागमन के साथ संक्रमण का भी खतरा बढ़ जाता है.
संतोष मरांडी, न्यू पांडेयडीहयहां पर सबसे बड़ी समस्या पेयजल की है. प्रतिदिन अगल बगल इलाकों से पानी लाना पड़ता है. तब जाकर प्यास बुझती है. अगर अगल बगल भी गर्मी के दिनों में पानी सुख जाती है तो आधा किलोमीटर तक पैदल जाकर पानी लाना पड़ता है या फिर पानी खरीदना पड़ता है. यहां पर पानी टंकी का निर्माण होना चाहिए.
शकुंतला देवी, शीतलपुर चौकअभी तक इस वार्ड में कई ऐसे मोहल्ले हैं जहां सड़कों का निर्माण नहीं हुआ है. लोगों को अभी भी कच्ची सड़क से आवागमन करना पड़ता है. बारिश के दिनों में कच्ची सड़क कीचड़मय हो जाती है. इस वजह से सड़क पर गिरने की घटना होती है. लोग घायल हो जाते हैं. नगर निगम से मांग है कि यहां पर पक्की सड़कों का निर्माण कराया जाय.राजेंद्र तांती, शीतलपुर चौकइस पूरे इलाके को वार्ड बनने में पूरे पांच साल से भी ज्यादा हो चुका है. लेकिन जब यह इलाका वार्ड में नहीं था तब भी इसकी स्थिति ऐसी ही थी और अब वार्ड है फिर भी इसकी स्थिति कमोवेश पूर्ववत है. वार्ड बनने के बाद विकास का कोई महत्वपूर्ण कार्य नहीं हुआ है. पेयजल के लिए उनलोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
प्रकाश दास, चैलीटांड़ हरिजन टोलाडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है