यह घटना अस्पताल प्रशासन और व्यवस्था पर कई सवाल खड़ी करती है. मिली जानकारी के अनुसार शहरी क्षेत्र के बक्सीडीह रोड स्थित झिंझरी मोहल्ला निवासी सुनील राम 2 सितंबर को सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए थे. रिम्स रांची में उनका ऑपरेशन हुआ और पैर में रॉड डाला गया. ऑपरेशन के बाद वे ड्रेसिंग कराने के लिए नियमित रूप से सदर अस्पताल गिरिडीह आ रहे थे. शनिवार को भी सुनील राम अपनी पत्नी रेणु देवी और परिजनों के साथ अस्पताल पहुंचे थे. अस्पताल की ओर से उन्हें एक व्हीलचेयर उपलब्ध करा दी गई थी. इसी दौरान उपचार के लिए आवश्यक कागजी प्रक्रिया के तहत आधार कार्ड अपडेट कराना जरूरी हो गया. परिजनों का कहना है कि जब वे सुनील राम को उसी व्हीलचेयर पर बैठाकर अस्पताल परिसर के बगल में स्थित आधार अपडेट केंद्र ले जा रहे थे, तभी रास्ते में अस्पताल की एक नर्स ने व्हीलचेयर रोक ली और कहा कि इसे बाहर नहीं ले जाया जा सकता. आरोप है कि नर्स ने व्हीलचेयर वापस ले लिया, जिसके बाद परिजनों ने मजबूर होकर एक ठेला रोककर उसी पर बैठा कर सुनील राम को आधार अपडेट केंद्र तक ले गए.
जांच कर कार्रवाई की जायेगी : डीएस
इस संबंध में सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ प्रदीप बैठा ने कहा कि अस्पताल में व्हीलचेयर या स्ट्रेचर की कोई कमी नहीं है. व्हीलचेयर छीने जाने की शिकायत गंभीर है और पूरा मामला जांच करायी जायेगी. अगर जांच में नर्स की लापरवाही पाई गई तो कार्रवाई की जाएगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

