सभी का कहा है कि यह घटना ना सिर्फ आदिवासी परिवारों के साथ अन्याय है, बल्कि सामाजिक सौहार्द को चोट पहुंचाने वाली है. भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष सुनील अग्रवाल, मंडल अध्यक्ष राजू पांडेय, आदिवासियों नेता सुकेश हेंब्रम, बीस सूत्री अध्यक्ष सफीक अंसारी समेत अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं ने सोमवार को घटनास्थल का दौरा कर पीड़ित परिवारों से भेट की. नेताओं ने कहा कि आदिवासी समाज पहले से ही हाशिये पर है और ऐसे कृत्य समाज को भयभीत करने का प्रयास है. उन्होंने प्रशासन से तत्काल राहत उपलब्ध कराने, क्षतिग्रस्त मकानों का सर्वे कर मुआवजा देने तथा पीड़ित परिवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की. कहा कि घटना के तीस घंटे बीत गए, लेकिन अब तक दोषियों की पहचान और गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. नेताओं ने जल्द आरोपियों के नहीं पकड़े जाने पर प्रखंड से लेकर अनुमंडल मुख्यालय तक आंदोलन का अल्टीमेटम दिया.
क्या कहते हैं भुक्तभोगी
भुक्तभोगी जगदीश बासके, संझलु बासके सहित ग्रामीण नरेश हेंब्रम, सुरेश बासके, मदन बासके, नरेश बासके, चरकू बासके, बबुआ मुर्मू आदि के अनुसार पिछले शनिवार की देर रात अज्ञात लोगों ने उनके घरों को तोड़ दिया. इसमें घर के अंदर रखा राशन, कपड़ा, बर्तन आदि दब गये. बताया कि लहरियाटांड़ मौजा के खाता संख्या आठ के प्लॉट संख्या 109 में करीब 36 एकड़ जमीन दुखी मोम्मी तथा नन्हका मोम्मी के नाम से इस वर्ष तक रशीद निर्गत है तथा उक्त जमीन रैयती है. इसी प्लॉट के एक हिस्से में उक्त गांव में दो परिवार का एस्बेस्टस का घर बना हुआ था. इसमें जगदीश बासके व संझलू बासके का परिवार रहता थे. बताया कि घटना को लेकर आदिवासी समाज में भय और आक्रोश है. मौके पर मण्डल महामंत्री मदन शर्मा, भाजपा नेता ओम प्रकाश वर्मा आदि भी थे.
ओपी प्रभारी ने कहा :
ओपी प्रभारी धर्मेंद्र अग्रवाल ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है. जल्द ही उद्भेदन कर लिया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

