इसमें बिजली और गैस दोनों का इस्तेमाल होगा, लेकिन संचालन का मामला अधर में लटकने के कारण यह बंद पड़ा हुआ है. हालांकि, नगर निगम इसे चालू करने की प्रक्रिया में है. जानकारी के मुताबिक वर्ष 2017-18 में इसका निर्माण हुआ था. शहरवासियों को सुरक्षित और पर्यावरण अनुकूल अंतिम संस्कार की सुविधा प्रदान करना इसका उद्देश्य है. चूंकि नगर निगम बोर्ड की बैठक में लगातार यह मामला उठने के बाद इस योजना को क्रियान्वित कराया गया था. बाद के दिनों में कोविड आ गया. सूत्र बताते हैं उस वक्त टेंडर की प्रक्रिया का निष्पादन नहीं हो पायी. हालांकि, इसके संचालन और रखरखाव के लिए टेंडर की प्रक्रिया चलती रही, परंतु किसी भी संवेदक द्वारा दिलचस्पी नहीं लेने के कारण विद्युत शवदाह गृह बंद है.
बरमसिया व बराकर श्मशान में होती है अंतिम-संस्कार
गिरिडीह शहरी क्षेत्र के लोग जहां बरमसिया मारवाड़ी श्मशान घाट, वहीं मुफस्सिल क्षेत्र के लोग बराकर श्मशान घाट में अंतिम संस्कार करते हैं. यहां पर लकड़ी से शवों का अंतिम संस्कार किया जाता है. कई लोगों द्वारा बरमसिया मारवाड़ी श्मशान घाट में विद्युत शवदाह गृह बनाने की मांग की जाती रही है, हालांकि, नगर निगम ने इसका प्रपोजल नगर विकास विभाग के पास नहीं भेजा गया है.चालू कराने का हो रहा है प्रयास : नगर प्रशासक
नगर प्रशासक प्रशांत कुमार लायक ने कहा कि विद्युत शवदाह गृह को चालू कराने को लेकर निरंतर प्रयास किया जा रहा है. इसको लेकर कई बार निविदा भी निकाली गयी है, लेकिन कोई एजेंसी इस कार्य में दिलचस्पी नहीं दिखा रही है. इसको लेकर कई बार बैठक भी हुई, लेकिन सार्थक परिणाम सामने नहीं आया. कहा कि विद्युत शवदाह गृह पूरी तरह से तैयार है. सभी उपकरण लगे हुए हैं. यहां प्रदूषण मुक्त दाह संस्कार की प्रक्रिया पूरी होगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

