डीसी रामनिवास यादव ने राष्ट्रगीत वंदे मातरम् की 150वीं वर्षगांठ पर समस्त जिलेवासियों को शुभकामना दी. कहा कि मातृभूमि के प्रति समर्पण, त्याग और राष्ट्रीय चेतना को जागृत करने वाला यह अमर गीत युगों-युगों तक हम सभी को प्रेरणा देता रहेगा. आज बड़े ही गर्व की बात है कि राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् का 150वां वर्ष हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. इस अवसर पर जिला प्रशासन ने जिला मुख्यालय, अनुमंडल कार्यालय, प्रखंड कार्यालय समेत सभी अन्य कार्यालयों में सामूहिक गायन का आयोजन किया गया और देशभक्ति की भावना और भारत के स्वतंत्रता संग्राम में इसकी भूमिका को याद किया. डीसी ने कहा कि वंदे मातरम् केवल एक गीत नहीं, बल्कि देश की आत्मा, स्वाभिमान और स्वतंत्रता संग्राम की प्रेरणा का प्रतीक है. इस अभियान का उद्देश्य नयी पीढ़ी में देशभक्ति और सांस्कृतिक मूल्यों को और मजबूत बनाना है. सामूहिक गायन में डीडीसी, अपर समाहर्ता, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, जिला नजारत उप समाहर्ता समेत सभी कार्यालय प्रधान,अधिकारी व कर्मचारी ने भाग लिया.
सदर प्रखंड में भी हुआ कार्यक्रम :
इधर, सदर प्रखंड कार्यालय में भी सामूहिक गायन का आयोजन किया गया. मौके पर बीडीओ गणेश रजक, सीओ जितेंद्र प्रसाद समेत अन्य अधिकारी व कर्मी मौजूद थे.सर जेसी बोस सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में बच्चियों ने गाये राष्ट्रीय गीत
सर जेसी बॉस सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में बच्चियों ने राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् का गायन प्रार्थना सभा में किया. प्राचार्य मुन्ना प्रसाद कुशवाहा ने विद्यार्थियों को बताया कि वंदे मातरम सिर्फ एक गाना नहीं है, बल्कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम की आत्मा है. मौके पर विद्यालय के हेड गर्ल, बाल संसद की प्रधानमंत्री सभी मंत्री समेत शिक्षक-शिक्षिकाएं व शिक्षकेतर कर्मी उपस्थित थे. कैप्टन ने अपने-अपने हाउस का नेतृत्व किया.एसपी कार्यालय में जवानों ने लिया भाग
पपरवाटांड स्थित एसपी कार्यालय परिसर में सामूहिक गायन का आयोजन किया गया. इसमें पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ जवानों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया. संचालन डीएसपी-वन नीरज कुमार सिंह और डीएसपी-टू कौशर अली ने किया. गायन से दौरान पूरा परिसर देशभक्ति भावनाओं से सराबोर हो उठा. अधिकारियों ने कहा कि वंदे मातरम् केवल एक गीत नहीं, बल्कि राष्ट्र की आत्मा, अस्मिता और एकता का प्रतीक है. युवाओं से देश का इतिहास और देशभक्ति गीतों की परंपरा को आत्मसात करने की अपील की.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

