एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट विनोद कुमार सिंह पुलिस बल के साथ मकान पर दखल दिलाने पहुंचे थे. उन्होंने बताया कि जैसे ही टीम मौके पर पहुंची, वहां रह रहे दूसरे पक्ष के लोगों ने इसका विरोध शुरू कर दिया. उनका कहना था कि वे मकान खाली नहीं करेंगे.
पहले पक्ष ने किया यह दावा
पहले पक्ष के मोहम्मद हुसैन ने दावा किया कि उन्होंने यह जमीन वर्ष 2022 में ताहिदा खातून के वंशजों से खरीदी थी. बताया कि ताहिदा खातून की बेटी की शादी खुर्शीद आलम से हुई थी. बेटी की मृत्यु के बाद खुर्शीद आलम ने दूसरी शादी कर ली थी, जिसके बाद उन्होंने ताहिदा खातून के वंशजों से यह जमीन खरीद ली. मामला 2024 से एसडीओ कोर्ट में विचाराधीन था, जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर दखल प्रक्रिया शुरू हुई.दूसरे पक्ष ने कहा- नोटिस नहीं दी गयी
वहीं दूसरे पक्ष के खुर्शीद आलम ने दावा किया कि मकान और जमीन उन्हीं की है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में उन्हें कोई नोटिस नहीं दी गई और अचानक प्रशासन की टीम घर पहुंच गई. कहा कि पहले पक्ष द्वारा फर्जी कागजात दिखाकर उन्हें बेदखल करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने प्रशासन से इसकी पुनः जांच करने की मांग की. मामले को लेकर एक्जिक्यूटिव मजिस्ट्रेट विनोद कुमार सिंह ने बताया कि आपसी बहस के बाद दोनों पक्षों की सहमति से प्रशासन ने 20 दिनों का समय दिया है.
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