अखंड पाठ में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया. मां ज्ञान के सान्निध्य में सबों ने सस्वर अखंड पाठ किया. बताया गया कि मंगलवार को श्रीमद् भागवत गीता ज्ञानयज्ञ आयोजित होगा, जिसमें गीता मंत्रों के के साथ हवन होगा.
गीता कर्मकांड नहीं, अपितु अमृत का भंडार है : मां ज्ञान
मां ज्ञान ने अपने उद्गार में कहा कि जितनी भी मानवोपयोगी बाते हैं, वे सब गीता में हैं. जितने भी प्रकार का धर्म है, उसकी रचना श्रीमद्भागवत गीता के पश्चात हुआ. सभी धर्मग्रंथों में जो भी अच्छी बाते हैं, चाहे समर्पण हों, भक्ति हो या जीवन जीने की कला हो, वे सब के सब पहले से ही गीता में हैं. गीता कर्मकांड नहीं, अपितु अमृत का भंडार है. कहा कि गीता में बताये गये मार्ग मानव को महामानव बनाकर आपसी प्रेम का विस्तार करनेवाला, आर्थिक और आध्यात्मिक जीवन की उत्तम शिखर तक पहुंचानेवाला, जाति और पंथवाद से ऊपर उठानेवाला, कर्मों में सजग और कर्मठ बनानेवाला, जीवन के विपरीत परिस्थितियों में मुस्कुराने और मुश्किलों का हल निकालने वाला संजीवनी है. कहा कि जो मानव जन्म पाकर सनातन धर्म में आकर गीता गंगा में डुबकी नहीं लगाते हैं, वे बहुत अभागे हैं. ऐसे में श्रीमद्भागवत गीता हर हिंदू के घर में होना अनिवार्य है, जिसका पठन-पाठन हमारी आनेवाली पीढ़ियों का भी मार्गदर्शन करेगी.
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