डॉ अहमद ने कहा कि वक्फ संपत्तियां समुदाय की अमानत है. हमारी जिम्मेदारी केवल उनकी हिफाजत नहीं, बल्कि इन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक विकास के लिए उपयोगी बनाना भी है. कहा कि उम्मीद पोर्टल-2025 इस दिशा में ऐतिहासिक बदलाव की शुरुआत है. डॉ अहमद ने बताया कि उम्मीद पोर्टल 2025 पर प्रशिक्षण को लेकर रांची स्थित हज हाउस में झारखंड सुन्नी वक्फ बोर्ड की राज्यस्तरीय कार्यशाला भी आयोजित किया गया. मौके पर बोर्ड के सभी सदस्य, जिला स्तरीय प्रतिनिधि, तकनीकी टीम तथा विभिन्न वक्फ संस्थानों के जिम्मेदार लोग उपस्थित हुए थे.
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