पुलिस सूत्रों के अनुसार मास्टरमाइंड ने पिपराडीह के ग्रामीण के साथ मिलकर शराब तैयार करने की योजना बनायी थी. इसमें अन्य लोगों को शामिल कर ब्रांडेड कंपनी का स्टिकर व झारखंड सरकार का लोगो लगाकर बिहार के साथ झारखंड के होटलों में भी शराब को खपाया जा रहा था. सूत्रों के मुताबिक सरगना लंबे अरसे से इस कार्य में लगा हुआ है. वह शराब बनाने की जगह बदलता रहता है. पूर्व के वर्षों में वह महुआ शराब तैयार कर देवरी, हीरोडीह व राजधनवार के होटल में सप्लाई करता था.
पुलिस वाहन को देख देख भागा सरगना
जानकारी के मुताबिक पुलिस की टीम जब छापेमारी के लिए पिपराडीह गांव पहुंची, उस समय हेमलाल साव गांव में ही था. वह अपना वाहन (बीआर 06पीबी 1142) से बंगारो के प्रदीप मंडल को साथ लेकर पिपराडीह आया था. पिपराडीह पहुंचने पर पूरा टुडू, प्रदीप मंडल व सुलेन टुडू को शराब की पैकिंग के कार्य में लगाकर खुद बाहर निगरानी कर रहा था. पुलिस के वाहन को देख घर की कुंडी लगाकर भाग निकला. इसके बाद पहुंची पुलिस की टीम ने छापेमारी की. घर के अंदर बंद तीनों लोगों को हिरासत में लेकर शराब बनाने की सामग्री व तैयार नकली शराब को जब्त कर लिया गया. जिस स्थान पर पुलिस ने छापेमारी की, वहां से महज दो किमी की दूरी पर बिहार का इलाका शुरू हो जाता है. मालूम रहे कि शनिवार को झारखंड-बिहार की सीमा पर छापेमारी कर नकली शराब बनाने की मिनी फैक्ट्री का उद्भेदन किया गया था. नकली शराब व शराब बनाने की सामग्रियों के साथ तीन लोगों को पकड़ा गया. इस मामले में शराब का कारोबारी फैक्ट्री संचालन के मास्टरमाइंड सहित पांच लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

