साथ ही पेयजल व स्वच्छता विभाग के क्रियाकलाप पर भी प्रश्न चिह्न खड़ा कर रहा है. बता दें कि बगोदर की करीब 20 हजार आबादी और आठ सौ घरों में पानी सप्लाई की जिम्मेदारी ग्राम पेयजल व स्वच्छता समिति पर है. पाइप फटने से लोगों को पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिल रहा है.
क्षतिग्रस्त पाइप को दुरुस्त करने के लिए विभाग के जेई को भी सूचना दी गयी है, लेकिन इसपर कोई पहल नहीं हो रही है.क्या कहते हैं व्यवसायी
व्यवसायी विजय प्रसाद ने बताया कि एक साल से पानी की बर्बादी हो रही है. बरसात में दुकानों में भी पानी घुस जाता है, जिससे परेशानी होती है. विभाग के एसडीओ, जेई, समिति को भी कई बार मौखिक जानकारी दी गयी है, लेकिन क्षतिग्रस्त पाइप को दुरुस्त नहीं किया जा रहा है.वहीं व्यवसायी नवीन कुमार चौरसिया ने कहा कि विभागीय उदासीनता के कारण प्रतिदिन हजारों लीटर पानी की बर्बादी हो रही है. इसे दुरुस्त किये जाने की जरूरत है.
फंड का है अभाव : समिति
वहीं, ग्राम पेयजल व स्वच्छता समिति के बबलू राणा ने कहा कि समिति में फंड का अभाव होने के कारण पाइप मरम्मत का कार्य नहीं किया जा रहा है. कहा कि पूरे बगोदर बाजार में लाखों रुपये जलकर बकाया है. इसके कारण कई तरह की परेशानी हो रही है.
हालांकि, इसकी सूचना पेयजल व स्वच्छता विभाग के अधिकारियों को दिया गया है. पाइप दुरुस्त करने की पहल होगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है