लोगों ने पंचायत में पेयजल शिक्षा, सिंचाई व स्वास्थ्य जैसी समस्याओं को प्रमुखता से रखा. कहा किपंचायत के अधिकांश मुहल्लों में पेयजल की समस्या से लोग जूझ रहे हैं. खेरडा, बाराडीह, नीमाडीह व चटनियांदह में जलस्तर काफी नीचे होने के कारण गर्मी के पहले चापाकल जवाब दे देता है.
तीन वर्षों से बंद है जलमीनार
नीमाडीह में पूर्व में पेयजल व स्वच्छता विभाग ने जलमीनार लगाया गया था, जो लगभग तीन वर्षों में बंद पड़ा है. गांव में शिक्षा की स्थिति भी खराब है, क्योंकि विद्यालयों में शिक्षकों का अभाव है. यहां चिकित्सा की कोई व्यवस्था नहीं है. छोटी बीमारी पर भी लोगों को प्रखंड मुख्यालय पर आश्रित रहना पड़ता है. सबसे अधिक परेशानी प्रसूताओं को होता है.
साधन नहीं रहने से खेत हो जाते हैं बंजर
गांव में सिंचाई का पर्याप्त साधन नहीं रहने के कारण बरसात के बाद खेत बंजर पड़े रहते हैं. यहां के ग्रामीण वर्षों से गांव के बगल में स्थित झोलीतरी नाले पर बांध बनाने की मांग कर रहे है. पांच वर्ष पूर्व वरीय पदाधिकारियों के निर्देश पर स्थल का निरीक्षण व सर्वे करवाया गया था, लेकिन, पुनः उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. पंचायत स्थित जगदीशपुर में लोग सड़क पर जल जमाव से काफी परेशान रहते हैं. बरसात में यह समस्या और बढ़ जाती है.क्या कहते हैं ग्रामीण
पंचायत में पेयजल एक बड़ी समस्या है. जलस्तर नीचे होने के कारण गर्मी में लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. कुछ स्थानों में तो 250 मीटर से अधिक बोरिंग करवाने पर भी पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता है. जल में आयरन की मात्रा अधिक रहने के कारण भी परेशानी होती है.राजेंद्र विश्वकर्मा, ग्रामीण
पंचायत में सिंचाई की व्यवस्था नहीं रहने के कारण बरसात के बाद खेत बेकार पड़ा रहता है. झोलीतरी नाले में डैम बनाने की मांग वर्षों से लोग कर रहे हैं, लेकिन इसपर पहल नहीं हो पा रही है. यहां डैम के बनने से खेती में व्यापक सुधार होगा. सालों भर खेती होगी.
अरविंद गुप्ता, पंसस
पंचायत में चिकित्सा का साधन नहीं होने के कारण लोगों को इलाज के लिए दर-दर भटकना पड़ता है. पंचायत प्रखंड मुख्यालय से लगभग 16 किमी की दूरी पर स्थित है. यहां के स्वास्थ्य उप केंद्र व पीएचसी को चालू करवाते हुए उसे व्यवस्थित करवाना चाहिये.
प्रवीण स्वर्णकार, व्यवसायी
विद्यालयों में शिक्षको की कमी के कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. सक्षम परिवार के लोग अपने बच्चों के प्राइवेट विद्यालयों में पढ़ाते हैं, लेकिन निर्धन लोगों के बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है. इस पर ध्यान देने की जरूरत है.किशोर पंडित, ग्रामीण
पंचायत विकास का हो रहा प्रयास : मुखिया
मुखिया अमित कुमार गुप्ता ने कहा कि पंचायत स्तरीय योजनाओं से सभी वार्डों में सड़क-नाली आदि का निर्माण करवाया जा रहा है. पंचायत के विकास के लिए वे लगातार प्रयास कर रहे हैं. पेयजल सिंचाई व शिक्षा आदि में सुधार के लिए वरीय पदाधिकारियों व सांसद-विधायक को पहल करनी चाहिये.अमित कुमार गुप्ता, मुखिया
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