तीनों के फरार रहने से ना केवल इलाके में दहशत है, बल्कि पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि जिस तरह से हथियारबंद युवकों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की, उससे साफ है कि घटना पूर्व नियोजित थी. लोगों ने पुलिस पर आरोप लगाया कि मुख्य आरोपितों को छोड़ उन युवकों को पकड़ रही है, जो घटना में शामिल तो थे, लेकिन पूरे षड्यंत्र का हिस्सा नहीं थे.
मास्टरमाइंड की है तलाश
ग्रामीणों का कहना है कि ये गिरफ्तारियां मामले की जड़ तक पहुंचने के बजाय केवल सतही कार्रवाई लग रही है. पकड़े गये ज्यादातर युवकों का मास्टरमाइंड मोहरा बनाकर इस्तेमाल किया था. मुख्य साजिशकर्ताओं की गिरफ्तारी नहीं होने से चर्चा का बाजार गर्म है. ग्रामीणों का कहना है कि मुख्य आरोपियों के एक खास राजनीतिक दल का संरक्षण प्राप्त है. इसलिए पुलिस उन तक हाथ नहीं पहुंचा पा रही है. कुछ लोग तो कह रहे हैं, कि मास्टरमाइंड आराम से बाहर घूम रहे हैं.
मामला ठंडा पड़ते ही रुक जाती कार्रवाई
ग्रामीणों का कहना है कि यह कोई नयी बात नहीं है, बल्कि कई मामलों में यही देखने को मिलता है. उनके अनुसार जब भी किसी वारदात को लेकर क्षेत्र में माहौल गरम होता है, स्थानीय लोग विरोध करते हैं, तब पुलिस तेजी दिखाती है और कार्रवाई के नाम पर छोटे-मोटे आरोपियों को पकड़कर जेल भेज देती है. इससे ऐसा प्रतीत होता है मानो पुलिस ने बड़ी कार्रवाई कर दी हो, लेकिन असल में यह केवल पहले चरण की औपचारिकता भर होती है. ग्रामीण बताते हैं कि जैसे ही मामला ठंडा पड़ता है, पुलिस की सक्रियता भी कम होने लगती है. ऐसी स्थिति में जिन युवकों को शुरू में गिरफ्तार किया जाता है, वे बाद में या तो कोर्ट से आसानी से जमानत ले लेते हैं या फिर दबाव और समझौते के जरिये मामला निपटा दिया जाता है.
मोबाइल से संपर्क में फरार आरोपित
सूत्रों के अनुसार मुख्य आरोपित सन्नी राइन, विशाल मंडल और राजा खोरा योजनाबद्ध तरीके से काम कर रहे हैं. संचालित कर रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि आरोपी लगातार अपने करीबी लोगों से मोबाइल से संपर्क में हैं. आरोपित लोकेशन ट्रैकिंग से बचने के लिए कुछ मिनटों के लिए फोन चालू करते हैं और जरूरी बातचीत पूरी करते ही तुरंत फोन बंद कर देते हैं. इससे पुलिस की तकनीकी टीम को सटीक लोकेशन नहीं मिल रहा है. बताया जा रहा है कि वे अलग-अलग जगहों पर छिप रहे हैं. बार-बार फोन ऑन-ऑफ होने और करीबी लोगों से बातचीत के बाद भी इन आरोपितों तक पुलिस का नहीं पहुंचा कई सवाल खड़े करता है.कार्रवाई में जुटी हैं टीमें, फोन पर बात की सूचना की होगी जांच : इंस्पेक्टर
इंस्पेक्टर सह जमुआ के प्रभारी थाना प्रभारी प्रदीप कुमार दास ने कहा कि घटना की जांच तेजी से जारी है. पुलिस लगातार छापेमारी अभियान चला रही है. उन्होंने बताया कि फरार आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस की विशेष टीमें अलग-अलग स्थानों पर दबिश दे रहीं हैं. करीबियों से फोन पर संपर्क के मामले में कहा कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है. यदि ऐसा है, तो पुलिस इसकी जांच करेगी. कहा कि पुलिस हरसंभव प्रयास कर रही है कि घटना में शामिल सभी आरोपी जल्द से जल्द गिरफ्तार हों.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

