सरिया. बीते लगभग 10 वर्षों से पार्श्वनाथ स्थित सम्मेद शिखर जी में साधु संतों की सेवा करते-करते स्वयं गृहस्थ जीवन का त्याग कर वैरागी जीवन जीने को प्रेरित हुए सरिया के 72 वर्षीय नरेश कुमार सेठी का सम्मान सरिया में स्टेशन रोड स्थित दिगंबर जैन मंदिर में शुक्रवार को भव्य रूप से किया गया. उन्हें तिलक चंदन लगाकर तथा माल्यार्पण कर धर्म के लिए घर से उत्साह पूर्वक विदाई दी. नरेश कुमार सेठी ने अपने व्याख्यान में समाज के लोगों को अपने वैराग्य जीवन के बारे में बताए. उन्होंने कहा कि बीते लगभग 10 वर्षों से शिखरजी में रहकर संतों की सेवा करते रहे. इस दौरान परिवार से उनका मोह भंग हो गया. उन्होंने अपने गुरु आचार्य सुबल सागर जी महाराज से प्रेरित होकर सांसारिक विषयों से विरक्त हो आध्यात्मिक मार्ग अपनाया. बताया कि सच्चा वैराग्य तब होता है जब व्यक्ति का मन सांसारिक विषयों से हटकर परमात्मा की ओर आकर्षित होता है. बताते चलें कि सरिया निवासी सुगन चंद सेठी के छोटे पुत्र नरेश कुमार सेठी अपनी पत्नी उषा देवी, पुत्र, पुत्रवधू, पोतियां सहित पूरा भरा पूरा परिवार छोड़कर वैराग्य जीवन अपनाया जिन्हें समाज के लोगों ने उत्साह पूर्वक शिखर जी के लिए विदा किया. इस मौके पर संतोष जैन, राजेश जैन, विक्की जैन, पवन जैन, मन्नू जैन, प्रवीण जैन, कैलाश जैन, जयकुमार जैन, मुनी देवी, पुष्पा ठोल्या, मोनिला जैन, प्रमिला जैन, रश्मि जैन, शोभा जैन, नेहा जैन, राजीव जैन, रूपचंद जैन, स्वरूप चंद जैन, प्रवीन जैन, संजय जैन, अजीत जैन, डिंपल जैन, सचिन जैन सहित काफी संख्या में समाज के लोगों ने सम्मानित कर वैराग्य जीवन जीने का अपना स्नेह तथा आशीर्वचन दिया.
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