मृतक के चाचा रंजीत प्रसाद वर्मा ने बताया कि अर्जुन कई वर्षों से सूरत में अपने परिवार के साथ रहकर मजदूरी करता था. पिछले बुधवार को उसे बुखार हुआ था. जांच कराने पर डेंगू रोग के लक्षण का पता चला. परिवार वाले उसे इलाज कराने वे जा रहे थे, लेकिन इसी दौरान उसने दम तोड़ दिया. आर्थिक तंगी के कारण उसका शव गांव नहीं पहुंचा है. भाजपा समर्थक होने के कारण सूरत के भाजपा नेताओं को इसकी सूचना दी गयी. परिवार वालों ने भाजपा सांसद-विधायक से आपदा राहत कोष से मिलने वाली सुविधा दिलाने की मांग की है. अर्जुन की मौत पर पूर्व मुखिया चिंतामणि वर्मा, माले नेता रीतलाल प्रसाद वर्मा ने आदि शोक व्यक्त किया है.
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