आलिम-फाजिल की डिग्री को मान्यता देने, मदरसा बोर्ड का गठन व उर्दू अकादमी को सक्रिय करने समेत उर्दू स्कूलों में शुक्रवार की छुट्टी रद्द करने जैसे मुद्दों को लेकर अल्पसंख्यक समुदाय की एक बैठक गांडेय में हुई. बैठक की अध्यक्षता हाजी मो उस्मान ने व संचालन डॉ अंजर ने किया. मुफ्ती मो सईद ने कहा कि आज झारखंड में उर्दू के साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है. मदरसा बोर्ड का गठन नहीं हुआ है, आलिम एवं फाजिल की डिग्री की मान्यता रद्द की जा रही है. मॉब लिंचिंग पर कानून बनाने की दिशा में सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है. इन सब मुद्दों पर अब यह समुदाय ठगा महसूस कर रहा है. डॉ अंजर ने कहा कि पहले तो उर्दू स्कूलों में शुक्रवार की छुट्टी बंद कर दी और अब झारखंड आलिम-फाजिल की डिग्री की मान्यता रद्द करने में लगी है. उन्होंने कहा कि गांडेय में एक वर्ष पूर्व डिग्री कॉलेज बन चुका है, पर पढ़ाई चालू नहीं हुई है. इन सभी मसलों पर आगामी 15 अक्तूबर को एक प्रतिनिधिमंडल सीएम व विधायक कल्पना मुर्मू सोरेन से मिलकर ज्ञापन सौंपेगा. मांगें पूरी नहीं हुईं, तो दो नवंबर को गांडेय में आक्रोश रैली व विरोध प्रदर्शन किया जायेगा. मौके पर मुखिया मो अकबर, मो जाकिर, मो आलम, ताज हुसैन समेत कई मौजूद थे.
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