गिरिडीह. प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनोज प्रसाद की अदालत ने शुक्रवार को मधुबन थानांतर्गत चैनपुर टोला डेन्हा बकरी निवासी भुवनेश्वर यादव की हत्या मामले में टोला भेलवाटुंगरी निवासी भागीरथ तुरी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. अदालत ने भागीरथ को भादवि की धारा 302 के तहत आजीवन कारावास एवं 20 हजार रु अर्थ दंड की सजा सुनाई है. इसी प्रकार भादवि की धारा 201 में दोषी को एक साल कारावास एवं एक हजार रु अर्थ दंड की सजा सुनायी है. गत 27 अप्रैल को ही अदालत ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए भागीरथ को दोषी ठहराया था. विदित हो कि यह मामला मधुबन थाना कांड सं 19/19 से संबंधित है. इस बाबत धनेश्वरी देवी की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. धनेश्वरी का कहना था कि चार अक्तूबर, 2019 को उसका पुत्र भुवनेश्वर यादव अपने घर से भेलवाटुंगरी स्थित अपने खेत में लगी फसल देखने गया था. वहां पर वह अपनी वधू आरती देवी के साथ अपने खेत में बांस काट रही थी. इसी बीच भागीरथ तुरी गंदी-गंदी गाली देते हुए आया और उसके पुत्र भुवनेश्वर को हत्या करने की धमकी देने लगा. इसी बात को लेकर दोनों में बकझक होने लगी. इसके बाद भागीरथ अपने घर चला गया और घर से कुल्हाड़ी लेकर लौटा और उसके पुत्र भुवनेश्वर पर कुल्हाड़ी से वार कर दिया. हमले से उसका पुत्र वहीं गिर गया. प्रार्थी तथा उसकी वधू दौड़कर वहां पहुंचे और भुवनेश्वर को पकड़ कर रोने लगे. थोड़ी ही देर में उसके पुत्र ने दम तोड़ दिया.
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