एसडीपीओ ने कहा कि धार्मिक आयोजनों के दौरान शांति, सुरक्षा और सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाये रखना पुलिस की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए. ऐसे आयोजनों के दौरान सड़कों पर बढ़ते ट्रैफिक दबाव, बाजारों में भीड़ और सार्वजनिक स्थलों पर होनेवाले आयोजनों को देखते हुए सघन गश्ती, ट्रैफिक नियंत्रण और निगरानी जरूरी है. चोरी, सांप्रदायिक तनाव, दहेज हत्या, दुष्कर्म, अपहरण, पोक्सो, एससी-एसटी, एनडीपीएस, 498ए और आईटी एक्ट जैसे संवेदनशील मामलों में लंबित केसों की शीघ्र समीक्षा कर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने की बात कही. उन्होंने विशेष रूप से चार वर्षों से लंबित मामलों के निष्पादन पर जोर दिया. बैठक में तय किया गया कि प्रत्येक थाना क्षेत्र के महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्थलों पर प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के मोबाइल नंबर से संबंधि फ्लैक्स बोर्ड लगाये जायेंगे, ताकि लोग अधिकारियों से संपर्क कर सकें.
सामुदायिक पुलिसिंग को सशक्त करें
एसडीपीओ ने सामुदायिक पुलिसिंग को सशक्त बनाने पर जोर दिया. अवैध खनन, अवैध शराब कारोबार और पशुओं के अवैध परिवहन पर सख्त कार्रवाई करने की बात कही. कहा कि किसी भी स्थिति में शांति व्यवस्था भंग नहीं होनी चाहिये. थाना प्रभारी क्षेत्र में सक्रिय गश्ती करें तथा जनता से सतत संवाद बनाये रखें. बैठक में जमुआ व तिसरी के इंस्पेक्टर प्रदीप दास व रोहित कुमार, हीरोडीह, जमुआ, देवरी व धनवार थाना प्रभारी महेश चंद्रा, मणिकांत कुमार, सोनू कुमार व सत्येंद्र कुमार पाल, घोड़थंभा ओपी प्रभारी धर्मेंद्र अग्रवाल समेत अनुमंडल के अन्य पुलिस अधिकारी उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

