उद्घाटन सत्र में दक्षिण अफ्रीका की प्रिटोरिया विश्वविद्यालय के प्रो ओलुफेमी एडेतुंजी ने मुख्य वक्ता के रूप में गणित व सांख्यिककी भूमिका को साइबर सुरक्षा, औद्योगिक अकूलन तथा सतत विकास के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए अपने विचार रखे. स्वागत भाषण सम्मेलन के अध्यक्ष सह आदर्श महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो डॉ बिमल कुमार मिश्रा ने दिया. मंच पर विशेष रूप से डॉ गोविंद झा, गणित विभागाध्यक्ष, विनोबा भावे विश्वविद्यालय तथा डॉ. ललिता राणा, विश्वविद्यालय की सिंडिकेट सदस्य उपस्थित रहीं.
पहले दिन 42 शोध पत्र किये गये प्रस्तुत
पहले दिन आमंत्रित वक्ताओं में बीआईटीएस पिलानी, हैदराबाद परिसर के प्रो. डॉ पीके साहू, आइआइटी-आइएसएम धनबाद के प्रो डॉ रंजीत कुमार उपाध्याय, मलाया विश्वविद्यालय, मलेशिया के अविक डे तथा एडमस विश्वविद्यालय के प्रो आरटी गोस्वामी व डॉ सप्तऋषि चटर्जी शामिल थे. उस दिन 42 शोध-पत्र प्रस्तुत किये गये. ब्राजील के प्रो जोसे आरसी पिक्वेरा व प्रो सर्जियो माटोस ने व्याख्यान दिया और ब्राजीलियन शोधार्थियों ने भी अपने शोध-पत्र ऑनलाइन प्रस्तुत किये. दूसरे दिन रविवार को भी 46 शोध-पत्र प्रस्तुत किये गये. वहीं प्रो संतोष कुमार (मेलबर्न विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया) एवं प्रो हैदर अली बिस्वास (खुलना विश्वविद्यालय, बांग्लादेश) सहित बांग्लादेश व ब्राजील के विद्वानों ने ऑनलाइन व्याख्यान एवं शोध-पत्र प्रस्तुत किए. समापन सत्र में प्रो. ओलुफेमी एडेतुंजी व एलोन ब्रॉन ने अतिथि-विशेष के रूप में भाग लिया. अध्यक्षता सम्मेलन अध्यक्ष प्रो. डॉ. बिमल कुमार मिश्रा ने की. श्रेष्ठ शोध-पत्र पुरस्कार क्रमशः निवेदिता कुमारी, त्रिप्ती आनंद व सिताराम पांडेय को प्रदान किए गए. सम्मेलन में लगभग 300 प्रतिनिधि बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार व उत्तर प्रदेश से शामिल हुए. अंतर्राष्ट्रीय विद्वानों की ऑनलाइन सहभागिता ने इसे वैश्विक अकादमिक मंच का स्वरूप प्रदान किया. सम्मेलन का समापन गणितीय एवं सांख्यिकीय मॉडलिंग को नवाचार और समाजोपयोगी अनुसंधान के लिए और अधिक प्रोत्साहित करने तथा अकादमिक-औद्योगिक सहयोग को निरंतर बढ़ाने के आह्वान के साथ हुआ.
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