विशेष पूजा आराधना व विधान से वातावरण गूंजता रहा. इस दौरान आकर्षक रंगमंच पर भव्य समवशरण की रचना की गयी. ओंकार ध्वनि व धार्मिक विधि विधान से श्री जी की प्रतिमा विराजमान कर पूजा की गयी. भव्य समवशरण में गणधर के रूप में साधनारत आचार्य तन्मय सागर जी महाराज व साधु साध्वी शामिल हुये. आचार्य तन्मय सागर जी महाराज श्रद्धालुओं की शंका समाधान किया. संतों के सानिध्य में ज्ञानोत्सव मनाया गया. युगल प्रतिष्ठाचार्य अभिषेक जैन व आशीष जैन के गगनभेदी मंत्रोच्चार व धार्मिक विधियाें से मधुबन का वातावरण गूंजता रहा. शाम में श्री जी की महाआरती व सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
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