सबसे ज्यादा परेशानी ट्रैक्टर से अनाज ले जाने वाले चालकों को होती है. अनाज कब और कहां गिरेगा, इसका उसे कोई अंदाजा नहीं रहता है. ग्रामीण क्षेत्र की जर्जर सड़कों में अनाज की बोरा गिरकर फट रहा है. कभी-कभी तो चालक को अनाज गिरने का पता भी नहीं चलता है. यदि पता भी चलता है, तो गिरे हुये फटे बोरे में कंकड़युक्त चावल को लोडकर डीलरों के यहां दे दिया जाता है.
भागाबांध-साठीबाद सड़क पर मिले 16 बोरे
ऐसा ही मामला शुक्रवार की दोपहर में सामने आयी. बेंगाबाद के गोदाम से एक ट्रैक्टर में अनाज को लोड किया गया. इसे भलकुदर पंचायत के डीलरों के पास पहुंचाना था. ट्रैक्टर में अनाज ओवरलोड था. इसके कारण भागाबांध-साठीबाद गांव के बीच में 16 से अधिक चावल की बोरी गिर गयी. जर्जर सड़क पर चावल के बोरे गिरकर फट गये. चावल सड़क पर बिखर गया. चावल बोरी गिरने की भनक तक चालक को नहीं लगी. पीछे से जा रहे दो पहिया वाहन चालकों को सड़क में गिरी हुई चावल की बोरे दिखे. कुछ लोग इसे टपाने के फिराक में जुट गये. हालांकि, दोपहिया वाहन चालकों ने पीछा करते हुए दूर निकली ट्रैक्टर तक पहुंचे और चालक को इसकी जानकारी दी. घने जंगल के बीच चावल लोड ट्रैक्टर को छोड़कर चालक पीछे लौटने की स्थिति में नहीं था. इसकी जानकारी बेंगाबाद के गोदाम प्रबंधक को मिली. बेंगाबाद से कर्मी व मजदूर उक्त स्थल पर पहुंचे और फटे बोरे में पुनः चावल को ट्रैक्टर से डीलरों के पास भेज दिया. इधर एमओ सुनील बास्के ने बताया जानकारी मिली है. व्यवस्था में सुधार की बात कही गयी है. वहीं, डीलरों को खराब चावल लेने से मना कर दिया गया है.संवेदक को लगायी गयी है फटकार
व्यवस्था में सुधार के लिए बीडीओ सुनील कुमार मुर्मू ने एमओ, गोदाम प्रबंधक से लेकर डोर स्टेप डिलिवरी के संवेदक को फटकार लगा चुके हैं, बावजूद स्थिति यथावत बनी हुई है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

