मृतका के चाचा बीरेंद्र वर्मा ने बताया कि गुरुवार रात उसका छोटा भाई शंकर वर्मा अपने कमरे में सो रहा था. बच्ची भी उसके साथ थी. रात में बिजली नहीं थी. अचानक भतीजी रोने लगी तो भाई और उसकी पत्नी उठी. मोबाइल का लाइट जलाकर देखा तो पुत्री के हाथ में विषैला सांप करैत हाथ में काटकर जकड़ा हुआ था. किसी तरह से सांप को एक डब्बे में बंद कर बच्ची को रात में ही इलाज के लिए सदर अस्पताल गिरिडीह ले गये. सदर अस्पताल में पुत्री को पांच इंजेक्शन व स्लाइन दिया गया. उसके बाद उसे धनबाद रेफर कर दिया गया. धनबाद ले जाने के क्रम में रास्ते में ही उसकी मौत हो गयी. इसके बाद रास्ते से ही शव को लेकर लोग घर लौट गये. घटना के बाद परिवार सहित पूरे गांव में मातम है. कहा कि ग्रामीणों के सहयोग से पुत्री का अंतिम संस्कार शुक्रवार को कर दिया गया.
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