बताया गया कि नौ प्रकार के अधिकार किसानों को प्राप्त है जिसकी जानकारी उन्हें अवश्य होनी चाहिए. बताया किसानों को बीच का अधिकार प्राप्त है. इस अधिकार के तहत किसान अपने खेतों के उत्पाद को बचाने, उपयोग में लेने, बुआई करने, आदान प्रदान करने, बेचने और अन्य किसानों के साथ साझा कर सकते हैं. लेकिन किसी सुरक्षित किस्म के ब्रांडेड बीज की बिक्री नहीं कर सकते हैं, लेकिन उसे बचाकर अपने खेतों में इस्तेमाल कर सकते हैं. बताया किसानों को लाभ में भागीदारी का अधिकार प्राप्त है. इसके तहत नई किस्म के विकास के लिए पौध आनुवांशिक संसाधन उपलब्ध करवाते हैं सभी को पंजीकृत किस्म से प्राप्त होने वाले वाणिज्यिक लाभ प्राप्त करने का अधिकार है. किसानों को क्षतिपूर्ति काभी अधिकार प्राप्त है. इसमें पंजीकृत बीज को बेचते समय पैकिंग पर सिफाशि लिखी होनी चाहिए ताकि किसी भी किस्म के निष्पादन न देने पर प्रजनक पर क्षतिपूर्ति के लिए दावा कर सकते हैं. किसानों को उचित मूल्य पर बीज प्राप्त करने का अधिकार है. इसमें जब कृषकों को पंजीकृत किस्म का बीज उचित मूल्य पर प्राप्त नहीं होता है तो उस किस्म को अनिवार्य लाइसेंस के अंतर्गत अन्य एजेंसी को उचित मात्रा में उत्पादन कराने की अनुमति मिल जाती है. इसके अलावा किसानों को किस्म मान्यता और संरक्षण में किये गये योगदान के लिए पुरस्कार प्राप्त करने के अधिकार, कृषक किस्म के पंजीकरण का अधिकार, किस्म व्यवसायीकरण के लिए पूर्व अनुमति देने के अधिकार, किस्म के पंजीकरण शुल्क में छूट का अधिकार, अनजाने में हुए कानूनी उल्लंघन के प्रति छूट का अधिकार के बारे में भी वैज्ञानिकों ने जानकारी दी.
जनप्रतिनिधियों ने भी किया संबोधित
कार्यशाला का उद्घाटन जिप अध्यक्ष मुनिया देवी, प्रमुख मीना देवी, भाजपा नेता सुरेंद्र लाल के अलावा वैज्ञानिकों ने संयुक्त रूप से किया. जिप अध्यक्ष मुनिया देवी ने कहा कि किसानों को कृषक अधिकार अधिनियम की जानकारी अवश्य होनी चाहिए. प्रमुख मीना देवी ने कहा किसान अपने उत्पादन को उगाने, आदान प्रदान करने, बेचने और अन्य किसानों के साथ साझा कर सकते हैं. लेकिन किसानों को ब्रांडेड बीज की बिक्री करने से बचना चाहिए. इस मौके पर किसानों ने विभिन्न प्रजातियों के फसलों का प्रदर्शनी भी लगाई और परंपरागत बीज को बचाने की अपील किये. मौके पर गिरिडीह के प्रधान वैज्ञानिक डा पंकज सेठ, धनबाद के वैज्ञानिक डा ललीत दास, जामताड़ा, देवघर और बोकारो के वैज्ञानिकों के अलावा डा नवीन कुमार, मधुकर कुमार, मनोज कुमार, युगल भारती, नीरो यादव, खुर्शीद अनवर हादी, शुभांकर कुमार, राजवंश सिंह, रघुनाथ महतो, सरिता देवी, बाबूलाल महतो सहित कई किसान उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है