प्रखंड की सबसे बड़ी पर्वत शृंखला घोरंजी पहाड़ की ऊंचाई 609 मीटर है. यहां से प्रवाहित पानी की धार की छटा काफी मनमोहक है. लोग इसके आसपास की हसीन वादियों का लुत्फ उठाते हैं. पहाड़ की सबसे ऊंची चोटी खरगा पहाड़ पर अवस्थित बुढ़ेश्वरी मंदिर में भी लोग पहुंचते हैं. प्रखंड के दस गांव केंदुआ, ताराटांड़, अमझर, पिपराटांड़, दुधकिया, दुधपनिया, धोड़मरवा, डोमीद्वार, दाड़ीडीह व चौकी गांव की सीमा से सटा है. पहाड़ के चारों ओर फैली हरियाली मनमोहक है. पहाड़ से निकलनेवाली जल धार के किनारे लोग पिकनिक का मजा लेते हैं. इसकी वादियों को पिकनिक स्पॉट के रूप में विकसित किया जा सकता है. ग्रामीणों ने घोरंजी पहाड़ को पिकनिक स्पॉट के रूप में विकसित करने की मांग की है, ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग के पहाड़ के पास पार्क विकसित करने से घोरंजी पहाड़ पिकनिक स्पॉट के साथ साथ पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो सकता है.
औषधीय पौधों से समृद्ध है क्षेत्र
यहां हरसिंगार, हड़जोड़, सर्पगंधा, आंवला, चिरौता, बेल सहित विभिन्न प्रकार के औषधीय पौधे पाये जाते हैं. यह पहाड़ औषधीय पौधों के लिए प्रसिद्ध है. बेल के पेड़ काफी संख्या में हैं. यहां के बेल के पत्ते को सावन में देवघर ले जाया जाता है. पहाड़ में नीलगाय, लंगूर, हिरण, खरगोश, जंगली सुअर आदि वन्य जीव को आसानी से देखा जा सकता है. इसकी ऊंचाई व हरियाली के साथ घोरंजी पहाड़ जंगली बांस के लिए भी प्रसिद्ध है. पूरा पहाड़ जंगली बांस से पटा है.
घोरंजी पहाड़ जाने का रास्ता
देवरी प्रखंड मुख्यालय से आठ किमी दूर स्थित इस पहाड़ तक जाने के लिए प्रखंड मुख्यालय से आठ किमी दूर डहुआटांड़ होते हुए डहुआटांड़ मोड़ से चार किमी दूरी तय कर दुधपनियां पहुंचकर पहाड़ तक पहुंच सकते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

